advertisement
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून प्रदर्शन के बीच भड़की हिंसा में अब तक 9 लोगों की मौत हो गई है. इसी बीच अब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा की गिरफ्तारी को लेकर भी मांग शुरू हो चुकी है. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने सवाल किया है कि मिश्रा को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. वहीं बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने ने हिंसक प्रदर्शनकारियों और भड़काऊ भाषण देने वालों की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. गंभीर ने कहा कि फर्क नहीं पड़ता कि वो शख्स कपिल मिश्रा है या कोई और...
गौतम गंभीर से जब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के बयान को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा,
पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर हिंसा के दौरान गंभीर रूप से घायल डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा, एसीपी अनुज जैन और हेड कांस्टेबल यशपाल से मिलने अस्पताल पहुंचे.
AAP सासंद संजय सिंह ने भी कपिल मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग की है. संजय सिंह ने ट्वीट में लिखा, ‘दंगाई किसी दल या समुदाय जाति या धर्म का हो, उसे गिरफ्तार करके जेल में डाला जाए, काश समय रहते इस भाजपाई गुंडे पर पुलिस ने कार्यवाही की होती, तो आज हालात इतने भयावह नही होते.’
असदु्द्दीन ओवैसी ने भी कपिल मिश्रा पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया. ओवैसी ने बीजेपी पर सवाल उठाते हुए पूछा, 'क्या वो उन्हें रोक नहीं सकते थे?'
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा पर हिंसा भड़काने के आरोप में दो मामले दर्ज किए गए हैं. न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक, एक शिकायत आम आदमी पार्टी (अप) की कॉर्पोरेटर रेशमा नदीम और दूसरी हसीब उल हसन ने दर्ज कराई है. दर्ज शिकायतों में कहा गया है कि विरोध के दौरान मिश्रा ने अपने भड़काऊ भाषणों से लोगों को भड़काया, जिससे अराजकता फैल गई. मिश्रा के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
23 फरवरी को कपिल मिश्रा ने दिल्ली के जाफराबाद में पहुंचकर दिल्ली पुलिस को 'अल्टीमेटम' दिया था. ट्विटर पर अपना वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था, ‘दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम - जाफराबाद और चांद बाग की सड़कें खाली करवाइए. इसके बाद हमें मत समझाइयेगा, हम आपकी भी नहीं सुनेंगे, सिर्फ तीन दिन.'
लेखक जावेद अख्तर ने भी कपिल मिश्रा पर निशाना साधते हुए लिखा, 'दिल्ली में हिंसा का स्तर बढ़ गया है... सभी कपिल मिश्रा सामने आ रहे हैं. दिल्लीवालों को ये समझाने के लिए माहौल बनाया जा रहा है कि ये सब सीएए के विरोध के कारण हो रहा है और कुछ दिनों में दिल्ली पुलिस 'आखिली हल' ढूंढेंगी.'
शाहीन बाग के बाद जाफराबाद में भी महिलाएं नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा भड़क गई. जाफराबाद, मौजपुर, और गोकुलपुरी सहित कई इलाके तनाव बना हुआ है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)