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जेल में राम रहीम, असमंजस में समर्थक, इस बार किसे दें वोट ?

राम रहीम को एक पत्रकार की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी

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राम रहीम को एक पत्रकार की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी
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राम रहीम को एक पत्रकार की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी
(फोटो: द क्विंट)

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स्वयंभू बाबा गुरमीत राम रहीम के जेल में बंद होने से उनके समर्थक लोकसभा चुनाव में मतदान को लेकर असमंजस में हैं. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को एक पत्रकार की हत्या के मामले में जनवरी में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद से हरियाणा के सिरसा में 800 एकड़ में फैले डेरा के परिसर में अनुयायियों की तादाद कम हो गई है.

ऐसे में, उन्हें इस बार के लोकसभा चुनाव में किस पार्टी के लिए मतदान करना है, ये बताने वाला कोई नहीं है.

कई पार्टियों के लिए वोट बैंक रहा है डेरा सच्चा सौदा

डेरा सच्चा सौदा बीते एक दशक से कई दलों के लिये अहम वोटबैंक रहा है. 2007 में इसने राजनीतिक मामलों की शाखा का गठन किया था, जो यह फैसला करती है कि उसे किस पार्टी या नेता को समर्थन देना है. स्थानीय लोगों और समर्थकों ने कहा कि 2007 के पंजाब विधानसभा चुनाव में डेरा ने कांग्रेस को समर्थन दिया था, जबकि 2014 के आम चुनावों में उसने खुलकर बीजेपी का समर्थन किया.

डेरा के विवादित प्रमुख राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद डेरा और इसकी राजनीतिक मामलों की शाखा निष्क्रिय हो गई. हालांकि, बीजेपी और आईएनएलडी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों पर इसका असर नहीं पड़ा. इन दलों का कहना है कि उन्हें एक समय प्रभावशाली रहे डेरा सच्चा सौदा से समर्थन मांगने से कोई गुरेज नहीं है.

डेरा को लेकर दलों में अलग-अलग राय

बीजेपी नेता और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि वह लोकसभा चुनाव में डेरा से समर्थन मांगने के खिलाफ नहीं है. उन्होंने अपने रुख का बचाव करते हुए कहा कि "चुनाव में वोट मांगना राजनीतिक दलों का अधिकार है."

आईएनएलडी नेता अभय सिंह चौटाला ने भी कहा है कि उनकी पार्टी डेरा का समर्थन मांगेगी. हालांकि, पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने इस विकल्प को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, "हम चुनाव के लिए सिरसा डेरा के साथ समझौता नहीं करेंगे क्योंकि वह विवादित घटनाओं से जुड़ा है."

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असमंजस में राम रहीम के समर्थक

राजनीतिक दलों की ओर से अपना रुख साफ करने के बाद अब डेरा के अनुयायी मतदान को लेकर असमंजस में हैं. चिन्दर कौर का परिवार दशकों से डेरा का समर्थक रहा है. चिन्दर ने कहा, "पहले जनसभाएं होती थीं और एक फैसला लिया जाता था. यह फैसला पूरी तरह बाध्यकारी नहीं होता था, बल्कि इसे सुझाव के तौर पर देखा जाता था, लेकिन इस बार हर कोई असमंजस में है कि डेरा किसे समर्थन देगा."

डेरा के एक पदाधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, "गुरूजी ने हमें कभी यह नहीं बताया कि किसे वोट देना है. डेरा की राजनीतिक मामलों की शाखा राजनीतिक दलों के बीच जाती थी. इसके बाद अनुयायियों के साथ बैठक की जाती थी और एक फैसला लिया जाता था."

डेरा की माली हालत हुई खराब

डेरा परिसर के नजदीक रहने वाली बबीता गौतम ने कहा, "बात सिर्फ चुनाव मामलों की शाखा के निष्क्रिय होने की नहीं है, बल्कि डेरा में सबकुछ थम सा गया है. एलोवेरा उत्पादों, बोतलबंद पानी, कार की बैटरियों और मिठाइयों के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट बंद हो गए हैं."

गौतम ने कहा कि डेरा की इकाइयों के बंद होने की वजह से कई लोग नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं. इसलिये किसे वोट दिया जाए, यह अभी भी डेरा के लिये एक सवाल है."

बता दें कि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने राम रहीम को दो महिला अनुयायियों के बलात्कार मामले में अगस्त 2017 में 20 साल के जेल की सजा सुनाई थी. हरियाणा में सभी 10 लोकसभा सीटों पर 12 मई को मतदान होना है.

(इनपुट: भाषा)

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Published: 25 Apr 2019,10:16 PM IST

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