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महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि उनके केस में अदालत फिर से विचार करे. ये मामला चुनावी हलफनामे में जानकारी छिपाने का है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल लोअर कोर्ट में मामला चलाने का आदेश दिया था.फडणवीस ने कोर्ट से कहा है कि ये मामला मेरी किस्मत तय करेगा.
तीन जजों की बेंच के सामने फडणवीस लिए दलीलें पेश करते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि ये अहम केस है क्योंकि ये अनुच्छेद 21 को प्रभावित करता है. कोर्ट को एक बार फिर इसपर विचार करने की आवश्यकता है. फडणवीस के खिलाफ रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट (आरपीए) की धारा 33 (ए) लगाना ठीक नहीं था, क्योंकि उन्होंने कोई जानकारी नहीं छिपाई थी.
2014 के विधानसभा चुनाव में फडणवीस ने अपने चुनावी हलफनामे में ये जानकारी नहीं दी थी कि उनके खिलाफ नागपुर में ठगी और मानहानि के दो मामले चल रहे हैं. ये मामले 1996 और 1998 में दर्ज किए गए थे. इसी को लेकर संजय उइके नाम के सामाजिक कार्यकर्ता ने मुकदमा किया. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में फडणवीस को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने लोअर कोर्ट में मामला फिर से चलाने के निर्देश दिए थे.
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