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Digital Detox क्या है? फोन, इंटरनेट से ब्रेक लेना सेहत के लिए क्यों जरूरी

Digital Detox: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है डिजिटल डिटॉक्स.

अश्लेषा ठाकुर
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Digital Detoxification: डिजिटल डिटॉक्स के लिए एक्सपर्ट ने बताए आसान और असरदार उपाय&nbsp;</p></div>
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Digital Detoxification: डिजिटल डिटॉक्स के लिए एक्सपर्ट ने बताए आसान और असरदार उपाय 

(फोटो:iStock)

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Digital Detox: डिजिटल टेक्नोलॉजी आजकल बच्चों से लेकर बूढ़ों तक का सबसे ज्यादा समय लेता है. अब हाल ये है कि स्क्रीन को देखे बिना इस डिजिटल दुनिया में रहना असंभव लगता है. ऐसे में हम इसे पूरी तरह से बंद नहीं कर सकते. तब यहां पर डिजिटल डिटॉक्स अहम रोल निभाता है. जब हम डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे कि फोन, लैपटॉप, इंटरनेट से ब्रेक लेने की कोशिश करते हैं, तो उसे हम डिजिटल डिटॉक्स कहते हैं. इसका ये मतलब नहीं है कि जब कभी लगा कि अब ब्रेक लेना है, तो कुछ समय या दिन के लिए डिजिटल डिटॉक्स कर लें. हर दिन ऐसा करना मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए अच्छा होता है. ऐसा करने के लिए निरंतरता (consistency) और प्रतिबद्धता (commitment) बहुत जरूरी है.

गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, रोशनी सोंधी अब्बी ने फिट हिंदी को बताया कि ऐसी क्या चीजें हैं, जो हमें डिजिटल डिटॉक्स करने में मदद कर सकती हैं.

हर दिन स्क्रीन से दूर 1-2 घंटे समय बिताने की कोशिश करें.

(फोटो:iStock)

डिजिटल डिटॉक्स के बारे में सिर्फ बोलने/बात करने से बेहतर है रियलिस्टिक गोल बनाना. इस डिजिटल दुनिया में कई लोगों के लिए हर दिन कई घंटे स्क्रीन से दूर रहना संभव नहीं है. टेलर मेड (tailor made) गोल बनाएं जो आप हर दिन पूरा कर सकते हैं.

(फोटो:iStock)

डिजिटल डिटॉक्स में जरूरी है कि हम ऐसे ऐप्स के नोटिफिकेशन बंद रखें जो जरूरी नहीं हैं. कोशिश होनी चाहिए कि आपके फोन और लैपटॉप में ऐसे ही ऐप्स हों जो काम के हैं.  

(फोटो:iStock)

दूसरों को डिजिटल डिटॉक्स का महत्व समझाने से पहले खुद में वो अपनाएं. दूसरों के लिए डिजिटल डिटॉक्स रोल मॉडल बनें.

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डिजिटल डिटॉक्स के लिए परिवार का सपोर्ट भी चाहिए होता है. सबसे आसान और आम तरीका है कि परिवार का हर सदस्य एक गोल बना लें जैसे कि सब एक ही समय पर 1-2 घंटे के लिए स्क्रीन से खुद को दूर रखेंगे. उस समय वो सभी परिवार के साथ खेलना, बातें करना, किताब पढ़ना जैसी एक्टिविटी कर सकते हैं. 

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अपनी लाइफ में बैलेंस लाना बहुत जरूरी है. चाहे वो लाइफस्टाइल, खाने की आदत, सोने की आदत, डिजिटल मीडिया, वर्क-लाइफ ब्लेस हो. लाइफ के हर पहलू में एक ब्लेस होना बहुत जरूरी है. जो भी चीज अधिक हो रही है उसे कम करें और अपने लिए फायदेमंद बनाएं. 

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घर में नियम बना लें कि खाना खाने के समय को भी डिजिटल गैजेट आसपास न हो.

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अपनों से बात करते समय अपने फोन को दूर रख दें. ऐसा करने से डिजिटल डिटॉक्स होने के साथ-साथ आपस के रिश्ते भी मजबूत होंगे.

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बेडरूम में टीवी नहीं लगाएं. रात में सोने से टीवी/फोन का उपयोग न करें. अच्छा हो अगर सोने पहले किताब पढ़ें और बच्चों में भी ये आदत डालें.

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