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2020 के दिल्ली दंगों(Delhi Riots) के मामले में कोर्ट ने पहली सजा का ऐलान किया है. अदालत ने दिल्ली के एक व्यक्ति को दंगा और अन्य आरोपों का दोषी पाया है.अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट(Virendra Bhatt) ने दिनेश यादव को दंगा और आगजनी की आईपीसी(IPC) की धाराओं के तहत दोषी ठहराया. दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक दंगों के दौरान 25 फरवरी की रात मनोरी नाम की एक 73 साल की बुजुर्ग महिला के घर में करीब 100 से 120 दंगाइयों ने जबरन घुसकर आगजनी की थी. दिनेश यादव आगजनी करने वाली भीड़ का सक्रिय सदस्य था. उसके खिलाफ गोकलपुरी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था.
दोषी दिनेश यादव की सजा का ऐलान 22 दिसंबर को होगा. यादव दो अन्य दंगा मामलों का भी सामना कर रहा है. दंगों के मामले में यह दूसरा फैसला है. इससे पहले दिल्ली दंगो को लेकर कोर्ट ने एक और फैसला सुनाया था. जिसमें आरोपी को बरी कर दिया गया था.
यादव उन 100 -120 लोगों में शामिल था, जिन्होंने भागीरथी विहार में एक महिला के घर में घुसकर आग लगा दी थी.उनके वकीलों ने तर्क दिया था कि उन्हें झूठा फंसाया गया था और पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने में आठ दिन की देरी पर ध्यान आकर्षित किया
आरोप तय करने के दौरान, उनके वकीलों ने तर्क दिया था कि 100 से अधिक लोगों की भीड़ में से पुलिस ने केवल उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया है और उसके खिलाफ कुछ भी बरामद नहीं हुआ.
अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया था कि वह "दंगाइयों की भीड़ का सक्रिय सदस्य" था और शिकायतकर्ता ने अपने पूरक बयान में उसकी पहचान की थी. पुलिस ने इस मामले में दो पुलिस गवाहों और एक सार्वजनिक गवाह पर भी भरोसा किया.
दंगों के 758 मामलों में से 361 में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और 67 मामलों में आरोप तय किए जा चुके हैं
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