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सोमवार (24 अक्टूबर) दीपोत्सव का महापर्व दिवाली (Diwali) मनाई जा रही है. दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा होती है. आज कार्तिक अमावस्या पर चित्रा नक्षत्र, विष्कुंभ योग और स्थिर वृषभ लग्न में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर देवता और अपने कुल देवता की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजे के बाद शुरू हो जाएगा. दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा हमेशा प्रदोष काल और स्थिर लग्न में करना शुभ माना गया है. आइए जानते हैं कि दिवाली पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त कब से कबतक है.
दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त समय शाम 6 बज से रात 8 बजे तक है. वहीं, कार्तिक अमावस्या समय 24 अक्टूबर, 2022 को शाम 5 से अगले दिन 25 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर तक है. जबकि, अमावस्या निशिता काल सुबह 11 बजे से रात 12 बजे तक है.
लक्ष्मी पूजा की तैयारी सांयकाल से ही शुरू की जाती है, जिसमें एक चौकी पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्तियां इस प्रकार रखें कि लक्ष्मी जी के दायीं दिशा में गणेश रहें और उनका मुख पूर्व दिशा की ओर रहे. उनके सामने बैठकर चावलों पर कलश की स्थापना करें. वरुण के प्रतीक इस कलश पर एक नारियल लाल वस्त्र में लपेटकर इस प्रकार रखें कि केवल अग्रभाग ही दिखाई दे. दो बड़े दीपक लेकर एक में घी और दूसरे में तेल भरकर रखें. एक को मूर्तियों के चरणों में और दूसरे को चौकी की दाई तरफ रखें.
इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर, लंका विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे और इसी दिन भगवान विष्णु ने दैत्यराज बलि की कैद से लक्ष्मी सहित अन्य देवताओं को छुड़वाया था. उनका सारा धन-धान्य, राजपाठ, वैभव लक्ष्मी जी की कृपा से पुनः परिपूर्ण हुआ था. दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन किया जाता है. मां लक्ष्मी भोग की अधिष्ठात्री देवी हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार इनकी सिद्धि से ही जीवन में भौतिक सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं.
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