24 अक्टूबर को रोशनी का त्योहार दिवाली है. इस त्योहार को मनाने का हर किसी का अलग तरीका है. दिवाली के दिन पटाखे जलाने की परंपरा सालों से हमारे देश में चली आ रही है.
देश में दिवाली के दिन लोग बड़ी संख्या में पटाखे जलाते हैं, जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं.
पटाखों से शरीर के कई अंगों पर बुरा असर पड़ता है, जिसमें आंखें सबसे अहम हैं. पटाखों के इस सीजन के बाद आंखों में अलग-अलग बीमारियों के मरीज सामने आते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं कि आखिर पटाखे किस तरह आपकी आंखों पर असर डालते हैं और इस दौरान आपको आंखों का किस तरह विशेष ख्याल रखना चाहिए.
क्यों है दिवाली पर आंखों का खास ख्याल रखने की जरूरत ?
डॉ. शीतल किशनपुरिया फिट हिंदी से कहती हैं, "कई स्टडी में सामने आया है कि दिवाली के वक्त आम दिनों से करीब 6 गुना तक ज्यादा प्रदूषण होता है. इस प्रदूषण से अस्थमा, आंखों में होने वाली एलर्जी, निमोनिया, हार्ट अटैक के केस सामने आते हैं. दिवाली पर फैलने वाले धुएं का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पटाखों में जो सांप की गोलियां जलाई जाती हैं, उस एक गोली से 464 सिगरेट जलने जितना धुआं होता है".
इसके बाद फुलझड़ी, चकरी और अनार से सबसे ज्यादा धुआं होता है. धुआं ज्यादा होने की वजह से आंखों का खास ख्याल रखने की जरुरत होती है.
आंखों को पटाखे के धुएं से बचाने के लिए क्या -क्या उपाय करने चाहिए?
"वैसे तो धुआं से आंखों को बचाने का सबसे सही तरीका ये है कि आप कम से कम धुएं के संपर्क में आएं. लेकिन अगर आप पटाखे जलाना चाहते हैं, तो अपनी आंखों को अच्छे चश्मे से ढककर रखें. इसके अलावा ध्यान रखें कि जब भी पटाखे जलाएं तो बार- बार अपने हाथों को अच्छे से साबुन से धोते रहें, क्योंकि बारुद के हाथ अगर आंख में लग जाए तो दिक्कत हो सकती है. साथ ही पटाखों को इस्तेमाल के तुरंत बाद एक पानी की बाल्टी में डाल दें.'डॉ. शीतल किशनपुरिया, सीनियर कंसल्टेंट, शार्प साइट आई हॉस्पिटल
वहीं, डॉक्टर ने ये भी बताया कि अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं, तो दिवाली के दिन इसे पहनने से बचें और उसकी जगह चश्मे का इस्तेमाल करें. डॉक्टर का कहना है कि ये ध्यान सिर्फ दिवाली की रात ही नहीं, बल्कि दो-तीन दिनों तक लगातार करते रहें.
पटाखों से आंखों की पुतली फटने, कॉर्नियल अब्रेशन और रेटिना डिटेचमेंट का खतरा रहता है.
आंखों को पटाखे की रोशनी से कैसे बचाएं?
हमारी एक्स्पर्ट कहती हैं कि रिपोर्ट्स के अनुसार, यूके (UK) में हर साल औसतन करीब 300 लोगों की पटाखों की वजह से आंखों पर बुरा असर पड़ता है और इनमें से कई लोग तो अपनी आंखों की रोशनी गंवा देते हैं. पटाखों से परमानेंट आई डैमेज का खतरा रहता है और इससे थर्मल बर्न का खतरा भी रहता है.
डॉक्टर के अनुसार रोशनी से आंखों को बचाने के लिए चश्मा ही अच्छा उपाय है. साथ ही जब भी पटाखे जलाएं या जहां पटाखे जलाए जा रहे हैं, उस जगह से आंखों को बचाएं. इस वक्त आपको इन सभी तरीकों का ध्यान रखना होगा, जो आपको बचपन में बताए जाते थे. बस ध्यान रखना होगा कि पटाखे से दूर रहे या फिर दीपक जलाते वक्त भी चेहरे को आग से दूर और बचा कर रखें.
आंखों में चिंगारी जाने या किसी तरह का बर्न होने पर क्या करें?
अगर दुर्भाग्यवश आपके आंखों में चोट लग जाती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. कभी भी डॉक्टर की सलाह के बिना कुछ भी करने से बचें और डॉक्टर की ही सलाह मानें. इस स्थिति में ना तो अपनी आंखों को रगड़ना चाहिए और ना ही धोना चाहिए. कोई भी दवा लगाने से पहले डॉक्टर से संपर्क कर लें.
दिवाली पर कैसे रखें अपनी आंखों का ख्याल?
डॉक्टर के अनुसार,
हमेशा खुली जगह में पटाखे जलाएं और चश्मा पहनें
समय-समय पर हाथ और आंखों को धोते रहें
आंखों में खुजली या जलन होने पर आंखों को मलने से बचें
किसी भी चोट को कभी भी हल्के में न लें, डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें
दिवाली के दिन कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से बचें
आतिशबाजी को चेहरे, बालों और कपड़ों से दूर रखें
ऐसे स्पार्कलर से बचें, जो 1000 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान रेज करते हैं
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