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जहां एक तरफ गिरती प्रजनन दर और महिलाओं के बैंक खातों में वृद्धि महिलाओं के बढ़ते सशक्तिकरण की ओर इशारा करती है, वहीं दूसरी तरफ घरेलू हिंसा के बारे में दृष्टिकोण के मोर्चे पर नवीनतम नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (National Family Health Survey) से पता चलता है कि अभी भी बहुत दूरी तय करनी है.
इस सवाल पर मिला जवाब चौंकाने वाला है.
सर्वे में शामिल महिलाओं में से तेलंगाना में 83.8 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि पुरुषों का अपनी पत्नियों को पीटना उचित है वहीं कर्नाटक में 81.9 प्रतिशत पुरुष उत्तरदाताओं का कहना है कि ऐसा व्यवहार उचित है.
सर्वेक्षण ने ''क्या आपकी राय में पति का अपनी पत्नी को पीटना या मारना जायज है?” का सवाल पूछा और फिर "निम्नलिखित परिस्थितियों" को पत्नी को पीटने या मारने के कारण के रूप में सूचीबद्ध किया:
यदि वह उसे बताए बिना बाहर जाती है
अगर वह घर या बच्चों की उपेक्षा करती है
अगर वह उससे बहस करती है
अगर वह उसके साथ यौन संबंध बनाने से इनकार करती है
अगर वह ठीक से खाना नहीं बनाती है
अगर उसे उसके अफेयर होने का संदेह है
अगर वह सास-ससुर के प्रति अनादर दिखाती है
सर्वेक्षण के अनुसार घरेलू हिंसा को सही ठहराने के लिए जिस सबसे आम कारणों का हवाला दिया गया वह था सास-ससुर का अनादर करना, घर और बच्चों की उपेक्षा करना.
गौरतलब है कि 2019-21 में हुए सर्वे से संबंधित आंकड़े बुधवार, 24 नवंबर को जारी किए गए थें. इसमें शामिल राज्य/UT थें- असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल.
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