Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019FAQ: H-1B समेत कई वर्क वीजा निलंबन से कैसे प्रभावित होंगे भारतीय?

FAQ: H-1B समेत कई वर्क वीजा निलंबन से कैसे प्रभावित होंगे भारतीय?

बैन 24 जून से प्रभावी होगा और कई वर्क वीजा पर लागू होगा

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
बैन 24 जून से प्रभावी होगा और कई वर्क वीजा पर लागू होगा
i
बैन 24 जून से प्रभावी होगा और कई वर्क वीजा पर लागू होगा
(फोटो: अर्निका काला/क्विंट)

advertisement

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 23 जून को ऐलान किया कि साल के अंत तक H-1B समेत कई वर्क वीजा के जारी होने पर बैन रहेगा.

ट्रंप के आदेश के मुताबिक, ये बैन 24 जून से प्रभावी होगा और कई वर्क वीजा पर लागू होगा. अप्रैल में ट्रंप ने 'अस्थायी रूप से देश में इमिग्रेशन सस्पेंड' करने की इच्छा जताई थी. इसके बाद से ही ट्रंप प्रशासन H-1B समेत कई वर्क वीजा पर बैन लगाने की योजना बना रहा था. प्रशासन कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से अमेरिका में बढ़ी बेरोजगारी के चलते इस बैन के पक्ष में था.

ट्रंप ने कहा कि ये कदम उन लाखों अमेरिकी लोगों के लिए जरूरी है, जो अपनी नौकरी खो चुके हैं. ट्रंप के आदेश से नए ग्रीन कार्ड जारी होने पर लगा बैन भी इस साल के अंत तक बढ़ गया है.

ट्रंप ने कहा, "H-1B, H-2B, J और L नॉन-इमिग्रेंट वीजा से वर्कर्स की एंट्री से अमेरिकी लोगों के रोजगार के लिए खतरा है." एक अनुमान के मुताबिक हर साल करीब 85,000 H1-B वीजा जारी होते हैं.

इस बैन से किस केटेगरी के वर्क वीजा प्रभावित होंगे?

डोनाल्ड ट्रंप के इस बैन से इंट्राकंपनी ट्रांसफर्स के L-1, स्पेशल कामों में कार्यरत लोगों के लिए H-1B और पार्टनर्स के लिए H-4, नॉन-एग्रीकल्चरल वर्कर्स के लिए H-2B और शॉर्ट-टर्म के लिए विजिटर एक्सचेंज के J-1 वीजा जारी नहीं होंगे.

L-1 वीजा कंपनियों को ज्यादा स्किल्ड वर्कर्स को सात सालों के लिए अमेरिका ट्रांसफर करने की मंजूरी देता है.

किस तरह के इमिग्रेंट या संभावित इमिग्रेंट 31 दिसंबर तक बैन से प्रभावित होंगे?

डोनाल्ड ट्रंप का ये फैसला बड़ी संख्या में भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और कई अमेरिकी और भारतीय कंपनियों को प्रभावित करेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन कंपनियों को अमेरिकी सरकार ने 2021 वित्त वर्ष के लिए H-1B वीजा जारी किए थे.

नया आदेश उन सभी पर लागू होगा, जो यूएस के बाहर हैं, उनके पास वैध नॉन-इमिग्रैंट वीजा नहीं है और वीजा के अलावा और कोई आधिकारिक ट्रैवल डॉक्युमेंट नहीं है.

नए H-1B, H-2B, J और L वीजा की प्रोसेसिंग भी रोक दी जाएगी.

नए आदेश के मुताबिक, ऐसे विदेशी नागरिक जो अमेरिका में अस्थायी मजदूरी या फूड सप्लाई चेन के लिए जरूरी सर्विस के लिए प्रवेश करना चाहते हैं, कथित रूप से इस बैन से बाहर हैं. ट्रंप ने कहा कि इस बैन का अमेरिका के वैध स्थायी निवासियों और विदेशी नागरिकों पर प्रभाव नहीं होगा, जो अमेरिकी नागरिकों के पति/पत्नी या बच्चे हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

ये भारतीय कंपनियों को किस तरह प्रभावित करेगा?

भारतीय आईटी कंपनियां कथित तौर पर अमेरिका के H-1B वीजा सिस्टम की सबसे बड़ी लाभार्थी हैं.

2020-2021 के लिए करीब दो-तिहाई H-1B एप्लीकेशन भारत से हैं. भारत से कुल 184,000 एप्लीकेशन गई हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये भारतीय कंपनियों के कॉस्ट-कटिंग पर गहरा प्रभाव डालेगा.

मेरिट-आधारित वीजा सिस्टम क्या है और ये कैसे बेहतर होगा?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, H-1B वीजा सिस्टम में ट्रंप प्रशासन 'मेरिट-आधारित इमिग्रेशन सिस्टम' की तरफ बढ़ रहा है, जिससे कि 'सबसे ज्यादा स्किल्ड वर्कर्स को प्राथमिकता मिले और अमेरिकी नौकरियां बची रहें'.

अमेरिका विदेशी नागरिकों के देश में आने पर प्रतिबंध क्यों लगा रहा है?

अमेरिका कोरोना वायरस महामारी के साथ बेरोजगारी के संकट से भी जूझ रहा है. अमेरिका में फरवरी-मई के बीच बेरोजगारी चार गुना बढ़ गई.

ट्रंप कथित रूप से कह चुके हैं, "अमेरिकी वर्कर्स विदेशी नागरिकों से इकनॉमी के हर सेक्टर में प्रतिस्पर्धा करते हैं. साथ ही लाखों लोग अमेरिका में अस्थायी काम के लिए आते हैं. अस्थायी वर्कर्स के साथ अधिकतर उनके पति/पत्नी और बच्चे भी होते हैं."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT