Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-20194 इकनॉमिस्ट के सुझाव-आर्थिक मोर्चे पर ऐसे मुकाबला करे सरकार

4 इकनॉमिस्ट के सुझाव-आर्थिक मोर्चे पर ऐसे मुकाबला करे सरकार

कुछ इकनॉमिस्ट्स ने देश को इस संकट से उबरने के लिए सुझाव दिए हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
उर्जित पटेल, गीता गोपीनाथ, रघुराम राजन
i
उर्जित पटेल, गीता गोपीनाथ, रघुराम राजन
(फोटो: Altered by Quint)

advertisement

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए देश में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है. लॉकडाउन का ऐलान होने के बाद देश की इकनॉमी को झटका लगा. जरूरत के सामान और सुविधाओं को छोड़कर सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई. शेयर मार्केट गिर गया.

आर्थिक हालात संभालने के लिए वित्त मंत्री ने राहत पैकेज की घोषणा की थी. गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए वित्त मंत्री ने 1.7 लाख करोड़ के पैकेज का भी ऐलान किया

कुछ इकनॉमिस्ट ने देश को इस संकट से उबरने के लिए सुझाव दिए हैं. उनमें कुछ सुझाव ये रहे:

रघुराम राजन

RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने लिंक्डइन पर एक ब्लॉग पोस्ट लिखा है. इस ब्लॉग में राजन ने कोराना वायरस संकट को 'आजादी के बाद की सबसे बड़ी इमरजेंसी' करार दिया है. राजन ने लिखा है कि इस वक्त गरीबों पर खर्च करना सही कदम होगा. राजन ने लिखा, ''अमेरिका या यूरोप के विपरीत, जो रेटिंग में गिरावट के डर के बिना जीडीपी का 10% ज्यादा खर्च कर सकते हैं, हम पहले ही एक बड़े राजकोषीय घाटे के साथ इस संकट में प्रवेश कर चुके हैं, अभी और भी खर्च करना होगा.''

कोरोना वायरस लॉकडाउन के बाद की योजना पर फोकस करते हुए राजन ने कहा कि भारत को ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि गरीब और गैर-वेतनभोगी लोअर मिडिल क्लास, जिसे लंबे समय के लिए काम करने से रोका गया है, वो सर्वाइव कर सके.

राजन ने कहा कि लंबे समय तक देश को पूरी तरह से बंद रखना मुश्किल होगा. उन्होंने कहा, "इसलिए हमें यह भी सोचना चाहिए कि हम कम संक्रमण वाले क्षेत्रों में कुछ गतिविधियों को पर्याप्त सावधानी से कैसे शुरू कर सकते हैं."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

गीता गोपीनाथ

IMF की चीफ इकनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने दुनियाभर की सरकारों से 'ठोस नीतियां' बनाने को कहा है. 9 मार्च को गोपीनाथ ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा कि कोरोना वायरस महामारी से लोगों की जान जा रही है और इस समय लोगों को स्वस्थ और सुरक्षित रखना जरूरी है.

गोपीनाथ ने सुझाव दिया है कि देशों को हेल्थकेयर पर खर्चा बढ़ाना चाहिए, जिससे हेल्थ सिस्टम मजबूत होगा.  

गीता गोपीनाथ ने लिखा, "सप्लाई शॉक में है और प्रोडक्शन नीचे चला गया है, वहीं कंज्यूमर और बिजनेस के कम खर्च करने से डिमांड भी कम हो गई है." ऐसी हालत में गोपीनाथ ने प्रभावित बिजनेस और लोगों को सीधे कैश ट्रांसफर, सब्सिडी और टैक्स रिलीफ देने के सुझाव दिए हैं.

उर्जित पटेल

पूर्व RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने सरकार की नीतियों को समझदारी-भरा कदम बताया है. इंडियन एक्सप्रेस में पटेल ने लिखा, "हमें कोरोना वायरस को रोकने में ज्यादा संसाधन लगाने होंगे क्योंकि ज्यादा टेस्टिंग से ही हम एक और राष्ट्रीय लॉकडाउन रोक सकते हैं."

उर्जित पटेल ने कहा कि सरकार को डेटा इकट्ठा करने की जरूरत है और टेस्टिंग का सारा खर्चा भी सरकार को उठाना चाहिए. पटेल ने हालांकि बैलेंस रखने की भी नसीहत दी और कहा कि फिस्कल और मोनेटरी कार्रवाई ज्यादा नहीं होनी चाहिए, वर्ना मैक्रोइकनॉमिक स्टेबिलिटी बिगड़ सकती है.

अजय शाह

इकनॉमिस्ट अजय शाह ने बिजनेस स्टैंडर्ड में लिखा कि देश को डैमेज कंट्रोल की कोशिश करनी चाहिए और ऐसी उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि सब बिजनेस इस संकट से अछूते रहेंगे.

शाह ने कहा कि ऐसी फर्म को पैसा दिया जाना चाहिए जिसे सर्वाइव करने के लिए इसकी जरूरत हो, और साथ ही उसका अच्छे से इस्तेमाल भी कर सकें.  

अजय शाह का कहना है कि क्योंकि NPA संकट के चलते बैंक और NBFC अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं, वो भी ऐसे समय में इकनॉमी में कैपिटल नहीं डाल पाएंगे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 06 Apr 2020,11:17 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT