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इक्वाडोर ने कहा-नित्यानंद की नहीं की कोई मदद, हमारा नाम न घसीटें

विदेश मंत्रालय ने कहा,उसे न तो गुजरात पुलिस और न ही गृह मंत्रालय से नित्यानंद के प्रत्यर्पण का कोई रिक्वेस्ट मिला है

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भारत
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इक्वाडोर ने नित्यानंद मामले में नाम लिए जाने पर जताई आपत्ति 
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इक्वाडोर ने नित्यानंद मामले में नाम लिए जाने पर जताई आपत्ति 
(फोटो : फेसबुक)

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रेप के आरोपी भगोड़े नित्यानंद के इक्वाडोर के नजदीक एक द्वीप खरीद कर सरकार बना लेने के बाद इक्वाडोर सरकार ने कहा है कि उसने न तो उसे राजनीतिक संरक्षण दिया है और न ही इक्वाडोर के नजदीक कोई जमीन खरीदने में उसकी मदद की है.

इक्वाडोर ने कहा,हमने नहीं की नित्यानंद की कोई मदद

भारत में इक्वाडोर के दूतावास ने कहा है कि इक्वाडोर सरकार की ओर से नित्यानंद को किसी भी तरह की मदद की खबर बिल्कुल बेबुनियाद है. सुरक्षा एजेंसियां कर्नाटक और गुजरात के रेप केस में नित्यानंद की तलाश में लगी थी लेकिन इस बीच वह नेपाल के रास्ते गुजरात भाग गया. मीडिया खबरों के मुताबिक अब उसने इक्वाडोर के नजदीक एक टापू खरीद कर उसे हिंदू राष्ट्र कैलासा घोषित कर दिया है.

इक्वाडोर के दूतावास की ओर से कहा गया है कि जो कुछ भी प्रिंट और डिजिटल मीडिया में छप रहा है वह https://kailaasa.org की जानकारी के आधार पर है. लिहाजा सभी मीडिया हाउस को किसी भी सूचना में इक्वाडोर का नाम लेने से बचना चाहिए.
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विदेश मंत्रालय ने कहा,नहीं मिला चिन्मयानंद के प्रत्यर्पण का कोई अनुरोध

इससे पहले ‘द हिंदू’ में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि न तो गुजरात पुलिस और न ही गृह मंत्रालय ने नित्यानंद मामले में विदेश मंत्रालय को कोई औपचारिक अनुरोध भेजा है. मंत्रालय ने कहा है कि उसे विवादास्पद तांत्रिक नित्यानंद के प्रत्यर्पण के लिए न तो गुजरात पुलिस और न ही गृह मंत्रालय से कोई अुरोध मिला है.

बता दें कि इक्वाडोर ने ही विकीलिक्स के फाउंडर जूलियन असांज को अपने लंदन स्थित दूतावास में सात साल तक शरण दी थी. रेप के मामले में फंसने के बाद असांज ने इक्वाडोर से राजनीतिक शरण मांगी थी. इसके बाद असांज लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में सात साल रहा था. दुनिया भर में अपने देश में अपराध को अंजाम देकर कई अपराधी इक्वाडोर में राजनीतिक शरण मांग चुके हैं.

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