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ED का वाड्रा और हुड्डा पर शिकंजा, मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज

शिकायत दर्ज करने वाले सुरेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया था कि वाड्रा की कंपनी ने नियमों को ताक पर रखकर घोटाला किया है.

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वाड्रा और हुड्डा पर शिकंजा
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वाड्रा और हुड्डा पर शिकंजा
(फोटो: पीटीआई/फेसबुक)

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सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ड वाड्रा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक नया मामला दर्ज किया है. सोमवार को एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है.

शिकायत दर्ज करने वाले सुरेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया था कि वाड्रा की कंपनी ने नियमों को ताक पर रखकर घोटाला किया है.

आरोप है कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी ने शिकोहपुर में करीब साढ़े सात करोड़ में जमीन खरीदी थी. कमर्शियल लाइसेंस मिलने के बाद इस जमीन की कीमत काफी हद तक बढ़ गई और बाद में इसे डीएलएफ यूनिवर्सल को 58 करोड़ रुपये में बेचा गया. इसमें शिकायत थी कि नियमों को ताक पर रखकर यह जमीन सौदा हुआ है. इसके अलावा कमर्शियल लाइसेंस देने में भी तत्कालीन हुड्डा सरकार ने नियमों का पालन नहीं किया गया.

क्या है पूरा मामला?

ये मामला सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर हरियाणा के खेड़की दौला पुलिस थाने में दर्ज किया गया था. एक सितंबर को पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 (साजिश रचने) और 467, 468, 471 (जालसाजी) के तहत वाड्रा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य के खिलाफ ये मामला दर्ज किया था. शर्मा ने आरोप लगाया था कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटलिटी ने लोगों और सरकार को धोखा दिया है.

गुरुग्राम पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद राज्य सरकार से जांच की मांग की गई थी. 28 दिसंबर को हरियाणा सरकार ने ईडी को इस कथित जमीन घोटाले की जांच की अनुमति दी थी.

हरियाणा में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद सरकार ने जमीन घोटाले की जांच के लिए 14 मई, 2015 को एक सदस्यीय आयोग का गठन करते हुए न्यायमूर्ति एस एन ढींगरा को जांच का जिम्मा सौंपा था.

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