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इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट के अफसर राजेश्वर सिंह ने अपने विभाग के सेक्रेटरी हसमुख अढिया को चिट्ठी लिखकर ऐसी ऐसी बातें कही हैं जो हैरान करने वाली हैं.
ईडी में ज्वाइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह ने रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढिया को चिट्ठी में लिखा है कि आपका रवैया मुझे हैरान और बैचेन करता है. राजेश्वर सिंह ने सीधे तौर पर अढिया पर घोटालेबाजों और उनके गुर्गों का साथ देने का आरोप लगाया है.
अढिया हाईप्रोफाइल अधिकारी माने जाते रहे हैं उनकी निगरानी में ही जीएसटी को लागू किया गया है. चिट्ठी में राजेश्वर सिंह ने उनके प्रमोशन की अनदेखी करने, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने’ और ‘अहंकार के कारण बदला लेने’ का भी आरोप लगाया है.
राजेश्वर सिंह ने यह खत ईडी के निदेशक करनाल सिंह को 11 जून, 2018 को लिखा था, जिसे बाद में रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अढिया को भेजा गया.
राजेश्वर सिंह इन दिनों चर्चा में हैं क्योंकि एयरसेल-मैक्सिस और 2 जी मामले की जांच उनके ही जिम्मे हैं और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम इस मामले में आरोपी हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 27 जून को स्पष्ट कर दिया है कि सरकार चाहे तो राजेश्वर सिंह पर लगे आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच करा सकती है, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इसमें कोई रोक नहीं है. लेकिन ईडी ने अदालत में राजेश्वर सिंह को ईमानदार अधिकारी बताते हुए उनका समर्थन किया,
अढिया के अलावा राजेश्वर सिंह ने एयरसेल-मैक्सिस केस में फंसे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर भी निशाना साधा है.
ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर के मुताबिक वो अपनी ईमानदारी और कानून के मुताबिक काम करने की कीमत चुका रहे हैं. उन्होंने 2009 से अब तक प्रवर्तन निदेशालय में रहते हुए कई बड़े मामलों की जांच की है.
एयरसेल-मैक्सिस केस मामले में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबर पर लगे आरोपों की जांच करने वाले प्रवर्तन निदेशालय के उच्च अधिकारी राजेश्वर सिंह ने खत में पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं.
खत में सिंह ने लिखा, "पी. चिदंबरम ने मेरी जिंदगी को नरक बना दिया है. क्योंकि मैं उनके और उनके बेटे कार्ति पर लगे आरोपों की जांच कर रहा था. यह सब मुझे जांच से हटाने के लिए किया गया.'
खत में सिंह ने राजस्व सचिव हसमुख अढिया पर "घोटालेबाजों और उनके सहयोगियों" का पक्ष लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि वो राजस्व सचिव के इस रवैये से हैरान हैं. संयुक्त निदेशक ने लिखा है कि "निरंतर हमले और लगातार विद्रोह" की स्थिति में उनके लिए कर्तव्यों को पूरा करना मुश्किल था.
उन्होंने राजस्व सचिव से अपील की कि वे सिर्फ उन्हें ही न बचाएं, बल्कि जांच एजेंसी की अखंडता को भी सुरक्षित रखें.
उन्होंने आरोप लगाया कि अढिया ऐसा माहौल बना रहे थे कि राजेश्वर सिंह एयरसेल-मैक्सिस मामले में जांच में देरी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि रेवेन्यू सेक्रेटरी कम से कम पीएमएलए की जांच को समझें.
उन्होंने सवाल किया कि क्या कोई अधिकारी बिना चार्जशीट के जांच समाप्त कर सकता है.
राजेश्वर सिंह ने अपने प्रमोशन को लेकर भी सवाल किया है. उनका दावा है कि वो पिछले सात महीनों से अतिरिक्त निदेशक के ग्रेड में रहते हुए अपने प्रमोशन का इंतजार कर रहे थे, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ा.
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