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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 23 जून को विजय माल्या (Vijay Mallya), नीरव मोदी (Nirav Modi) और मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) से जुड़े मामलों में जब्त की गई संपत्ति का एक हिस्सा सरकारी बैंकों और केंद्र को ट्रांसफर कर दिया. ईडी ने बताया कि 18,170.02 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है, जिसमें से 9,371.17 करोड़ रुपये सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को ट्रांसफर किए गए हैं.
ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत संपत्तियों को जब्त किया है. एजेंसी ने कहा कि जब्त की गई संपत्ति बैंकों के कुल 22,585.83 करोड़ रुपये के नुकसान का 80.45 प्रतिशत है.
विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने कथित तौर पर विभिन्न पीएसबी को अपनी कंपनियों के माध्यम से पैसों की हेराफेरी करके धोखा दिया, जिस वजह से बैंकों को 22,585.83 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ. सीबीआई की एफआईआर के बाद ईडी की जांच में ये साबित हो गया कि तीनों आरोपियों ने अपनी नकली कंपनियों का इस्तेमाल करके बैंको से पैसों की हेरा फेरी की.
जब्त की गयी 18,170.02 करोड़ रुपये की संपत्ति में 969 करोड़ की सम्पति विदेश में है. रिलीज में बताया गया है कि पीएमएलए की जांच पूरी होने के बाद तीनों आरोपियों के खिलाफ यूनाइटेड किंगडम (यूके), एंटीगुआ और बारबुडा में भी शिकायतें दर्ज की गई हैं.
विजय माल्या को यूके के सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की अनुमति नहीं दी गयी है, इसलिए उन्हें भी भारत लाया जाएगा. साथ ही नीरव मोदी को भी भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा. नीरव मोदी पिछले दो साल और तीन महीने से लंदन की जेल में है.
ईडी ने हाल ही में PMLA स्पेशल कोर्ट, मुंबई के आदेश पर लगभग 6,600 करोड़ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को दिए. आज एसबीआई के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम की ओर से डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) ने यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड के शेयर 5824.50 करोड़ रुपये में बेचे हैं.
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