Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019उत्तराखंड पुलिस की गिरफ्त में 'जनज्वार' का पत्रकार, एडिटर्स गिल्ड ने जताई चिंता

उत्तराखंड पुलिस की गिरफ्त में 'जनज्वार' का पत्रकार, एडिटर्स गिल्ड ने जताई चिंता

किशोर राम के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज है- एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>जनज्वार पत्रकार</p></div>
i

जनज्वार पत्रकार

फोटो- जनज्वार वेबसाइट

advertisement

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editor's Guild Of India) ने गुरुवार को न्यूज पोर्टल ‘जनज्वार’ (Janjwar) के लिए काम करने वाले पत्रकार किशोर राम (Kishore Ram) की रिहाई की मांग की है जिन्हें 24 फरवरी को उत्तराखंड सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था. किशोर राम पर जातियों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगा है.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा, "एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यूज पोर्टल जनज्वार के पत्रकार किशोर राम की 24 फरवरी 2022 को पिथौरागढ़ से उत्तराखंड पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से बहुत चिंतित है."

प्रेस नोट में लिखा गया, सामाजिक वैमनस्य को बढ़ावा देने के आरोप में राम को भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए के तहत गिरफ्तार किया गया है. यह बेहद चिंताजनक है क्योंकि राम कुछ समय से हाशिए के वर्गों और निचली जातियों से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर रहे हैं. हाल ही में, उनके खिलाफ दो अलग-अलग घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए एक एफआईआर दर्ज की गई थी.

इसमें से एक एफआईआर 13 फरवरी को एक दलित युवक की मौत से संबंधित है और दूसरी 18 फरवरी को दो दलित नाबालिग महिलाओं के बलात्कार पर रिपोर्टिंग के संबंध में हैं. दोनों ही मामलों में राम ने परिवार के सदस्यों सहित पीड़ितों को जानने वालों का इंटर्व्यू लिया और वीडियो को वेबसाइट पर अपलोड किया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पुलिस ने अपनी शिकायत में राम पर परिवार के सदस्यों से “लोगों की जाति पूछने” और “उच्च जाति के लोगों द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों की हत्या” के बारे में बोलने का आरोप लगाया है.

एडिटर्स गिल्ड का कहना है कि, "यह अत्यंत दुखद है कि जाति आधारित अपराधों की रिपोर्टिंग मात्र को गिरफ्तारी के आधार के रूप में पेश किया जा रहा है. एडिटर्स गिल्ड किशोर राम की तत्काल रिहाई की मांग करता है और राज्य प्रशासन और कानून लागू करने वाली एजेंसियों से सामाजिक और जाति आधारित मुद्दों पर रिपोर्ट करने के पत्रकारों के अधिकार के खिलाफ दंडात्मक कानूनों का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह करता है."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT