advertisement
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editors Guild of India) ने द कश्मीर वाला (Kashmir Walla) के संपादक फहद शाह (Fahad Shah) की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है. एडिटर्स गिल्ड ने बयान जारी कर कश्मीर (Kashmir) के अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि प्रेस की स्वतंत्रता को दबाने के लिए एफआईआर, डराने-धमकाने और गलत तरीके से हिरासत में लेने का इस्तेमाल उपकरण के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.
जारी बयान में लिखा गया है कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया पुलिस के एक बयान के अनुसार "आतंकवादी गतिविधियों का महिमामंडन करना, फर्जी खबरें फैलाना और लॉ एंड आर्डर बिगाड़ने के लिए आम जनता को उकसाने वाली स्तिथि बनाने के लिए ” 4 फरवरी 2022 को कश्मीर वाला के संपादक फहद शाह की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करता है.
गिल्ड ने कहा की यह गिरफ्तारी कश्मीर में सुरक्षा बलों के पत्रकारों को पूछताछ के लिए बुलाने और अक्सर उन्हें हिरासत में लेने की एक बड़ी प्रवृत्ति का हिस्सा है, क्योंकि उनकी आलोचनात्मक रिपोर्टिंग होती है.
गिल्ड ने जिक्र किया कि एक अन्य घटना में, पत्रकार गौहर गिलानी को भी शोपियां जिले के कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा 7 फरवरी को अदालत में पेश होने के लिए बुलाया गया है, आरोपों के मुताबिक वो “जनहित के लिए हानिकारक तरीके से काम कर रहे हैं”. पिछले महीने, कश्मीर वाला के एक अन्य पत्रकार सज्जाद गुल को भी उनके सोशल मीडिया पोस्ट के कारण गिरफ्तार किया गया था, जिन पोस्ट्स को अधिकारियों ने आपत्तिजनक माना था.
गिल्ड ने बयान के अंत में कहा की गिल्ड राज्य प्रशासन से लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों के उत्पीड़न को रोकने का आग्रह करता है. गिल्ड फहद शाह के साथ-साथ सज्जाद गुल की तत्काल रिहाई की भी मांग करता है, और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कठोर दंड कानूनों के तहत प्राथमिकी, डराने-धमकाने और गलत तरीके से हिरासत में लेने का उपयोग पत्रकारों के अधिकारों को दबाने के लिए उपकरण के रूप में नहीं किया जाए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)