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एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Editors Guild of India) ने 23 जुलाई को कहा कि सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने के लिए "दबाव बनाने के हथकंडे" के रूप में किया जा रहा है और वो इस बात से चिंतित है.
एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में कहा "एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया 22 जुलाई को देश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक भास्कर ग्रुप के साथ-साथ लखनऊ के समाचार चैनल भारत समाचार के कार्यालयों पर आयकर विभाग के छापों को लेकर चिंतित है".
एडिटर्स गिल्ड ने दावा किया कि उसके द्वारा हाल ही में आयोजित एक वेबिनार में दैनिक भास्कर ग्रुप के राष्ट्रीय संपादक ओम गौर ने टिप्पणी की थी कि राज्य अधिकारियों की हालिया आलोचनात्मक कवरेज के बाद सरकारी विभाग ने उनको दिए जाने वाले विज्ञापनों को कम कर दिया है.
गौरतलब है कि दैनिक भास्कर ग्रुप ने 22 जुलाई को दफ्तरों और प्रमोटरों के घरों पर आयकर विभाग के छापे के बाद कहा कि भास्कर स्वतंत्र है और यहां पाठकों की मर्जी चलेगी.
अखबार ने छापे के बाद लिखा था, "कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के सामने सरकारी खामियों की असल तस्वीर रखने वाले दैनिक भास्कर ग्रुप पर सरकार ने दबिश डाली है. भास्कर समूह के कई दफ्तरों पर गुरुवार तड़के इनकम टैक्स विभाग ने छापा मारा है. विभाग की टीम मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र ,गुजरात और राजस्थान स्थित दफ्तरों पर पहुंची है और कार्यवाही जारी है".
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