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दैनिक भास्कर पर इनकम टैक्स छापा, उससे पहले अखबार ने ये सब छापा-10 हेडलाइन

Dainik Bhaskar की एक हेडलाइन ये थी-"सरकार के मौतों के आंकड़े झूठे हैं, ये जलती चिताएं सच बोल रही हैं"

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<div class="paragraphs"><p>Dainik Bhaskar Group के कई ऑफिस पर छापेमारी</p></div>
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Dainik Bhaskar Group के कई ऑफिस पर छापेमारी

(फोटो- अलटर्ड बाई क्विंट )

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देशभर में दैनिक भास्कर समूह (Dainik Bhaskar) के कई ऑफिस पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापा मारा है. इसमें भोपाल ,जयपुर और प्रेस परिषद समेत कई ऑफिस शामिल है. साथ ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी मध्य प्रदेश में दैनिक भास्कर समूह के व्यवसायिक परिसरों और प्रमोटरों के आवासीय परिसरों की भी तलाशी ले रहे है. दैनिक भास्कर के मालिक सुधीर अग्रवाल के भोपाल स्थित घर पर इनकम टैक्स विभाग की टीम मौजूद है.

दैनिक भास्कर ग्रुप ने कहा है कि कोरोना में सरकार की खामियां बताने वाली खबरों के कारण सरकार ने ये दबिश डाली है. सरकार सच्ची पत्रकारिता से डर गई है और बदला ले रही है. भास्कर ने अपनी उन खबरों का स्क्रीनशॉट भी प्रकाशित किया है. दैनिक भास्कर ने कोरोना ही नहीं हाल ही में पेगासस खुलासे और ऑक्सीजन की कमी से मौत पर सरकार के दावे पर भी पहले पन्ने पर प्रमुखता से रिपोर्ट प्रकाशित की. आगे देखिए भास्कर की वो खबरें जिन्होंने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा.

"जासूसी की दूसरी सूची में राहुल, प्रशांत किशोर और पूर्व चुनाव आयुक्त लवासा"

जब दूसरे हिंदी अखबारों ने पेगासस की मदद से जासूसी के आरोपों को प्रमुखता से कवर ना करने का विकल्प चुना, दैनिक भास्कर ने उसे पहले पन्ने पर जगह दी.

दैनिक भास्कर,20 जुलाई 

भारत में जासूसी... पहली लिस्ट में 40 पत्रकार, 3 विपक्षी नेता, 2 मंत्री, 1 जज

दैनिक भास्कर,19 जुलाई 

नीती-वैक्सीन का 25% कोटा निजी अस्पतालों का, हकीकत-निजी अस्पतालों के लिए 70% से ज्यादा टीके इस्तेमाल नहीं हुए

दैनिक भास्कर,1 जुलाई

1 जुलाई को दैनिक भास्कर ने अपने पहले पन्ने पर सरकारी केंद्रों में खत्म होते वैक्सीन और निजी अस्पतालों में उसके इस्तेमाल ना होने के बावजूद वैक्सीन पॉलिसी में निजी अस्पतालों को दिए गए 25% कोटे पर सवाल उठाया. 6 राज्यों के उदाहरण से उसने यह स्पष्ट किया. रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन की कमी से राजस्थान और झारखंड के सरकारी केंद्र बंद हो गए थे जबकि इन दोनों राज्यों के निजी अस्पताल में 20 लाख से ज्यादा वैक्सीन बचे हुए थे.

"राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने खबर को झूठ बताया,भास्कर के पास कचरे में पड़ी 500 वायल का फोटो इसका सबूत " 

दैनिक भास्कर,31 मई 

31 मई को भास्कर ने खबर ब्रेक की थी कि राजस्थान के 8 जिलों के 35 वैक्सीनेशन सेंटरों के कचरे में वैक्सीन की 500 वायल मिली हैं, जिनमें 2500 से भी ज्यादा डोज हैं.हालाँकि इसपर प्रदेश के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सोशल मीडिया पर कहा कि दैनिक भास्कर अखबार में डस्टबिन में वैक्सीन मिलने की खबर पूरी तरह तथ्यों से परे और भ्रामक है.फिर भास्कर ने फोटो के साथ सबूत दिया .

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"सरकार ने 50 दिनों में जिन 25 जिलों में बताई 3912 कोरोना मौत उनके सिर्फ 512 गांव-ब्लॉक से उठी 14,482 अर्थियां"

दैनिक भास्कर,25 मई

25 मई को दैनिक भास्कर ने अपने राजस्थान संस्करण के पहले पन्ने पर बड़े अक्षरों में कोविड-19 से होती मौतों के सरकारी आंकड़ों की पोल खोली. जहां सरकार ने 50 दिनों में 25 जिलों में 3918 कोरोना मौतों का आंकड़ा दिया था वही दैनिक भास्कर के मुताबिक सिर्फ 512 गांव-ब्लॉक में 14482 लोगों की मौत हुई है.

"गंगा किनारे 1140 किलोमीटर में 2 हजार से ज्यादा शव"

दैनिक भास्कर,14 मई

कोविड की दूसरी लहर के बीच 14 मई को दैनिक भास्कर ने अपने पहले पन्ने पर ही गंगा किनारे 10 लाशों की तस्वीर के साथ उत्तर प्रदेश में गंगा किनारे 27 जिलों से ग्राउंड रिपोर्टिंग की खबर छापी. लिखा कि "1140 किलोमीटर में 2 हजार से ज्यादा शव .कानपुर, उन्नाव, गाजीपुर और बलिया में हालत सबसे ज्यादा खराब".

"गांवों में लोग 'खांसी-बुखार' से मर रहे, टेस्टिंग तो दूर ,इलाज भी भगवान भरोसे"

दैनिक भास्कर,9 मई 

यूपी में ग्राउंड रिपोर्टिंग करते हुए दैनिक भास्कर ने 9 मई को अपने पहले पन्ने पर प्रदेश के गांवो की भयावह स्थिति की खबर छापी.

"सरकार के मौतों के आंकड़े झूठे हैं, ये जलती चिताएं सच बोल रही हैं"

दैनिक भास्कर का  भोपाल संस्करण,16 अप्रैल

16 अप्रैल को दैनिक भास्कर के भोपाल संस्करण ने पहले पन्ने पर लिखा "सरकार के मौत के आंकड़े झूठे हैं, ये जलती चिता सच बोल रही है" और साथ में भदभदा घाट में जलती चिताओं की ड्रोन इमेज. अखबार ने भोपाल में कोविड मौतों के सरकारी आंकड़े और जमीनी सच्चाई के बीच अंतर दिखाया.

"98241-27694.. यह नंबर इंजेक्शन 'सरकार' सी.आर पाटील का है"

दिव्य भास्कर ,11 अप्रैल

गुजरात में रेमडेसीविर इंजेक्शन की किल्लत के बीच गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सी.आर पाटिल ने जब 5000 रेमडेसीविर डोज का वितरण सूरत में पार्टी कार्यालय से करने कि घोषणा की थी, तब इस पर सीएम विजय रूपानी ने कहा था "मुझे नहीं पता,पाटिल से पूछ लो".

इस पर भास्कर ग्रुप के गुजराती अखबार दिव्य भास्कर ने 11 अप्रैल को अखबार के पहले पन्ने पर ही सी.आर पाटिल का फोन नंबर छापते हुए लिखा था 'यह नंबर इंजेक्शन 'सरकार' सी.आर पाटील का है .जिसको जरूरत है वह पाटिल से कॉल करके मांग ले".

"घटे 16 लाख रोजगार..ऊपर से महंगाई की मार "

भास्कर के इस आरोप पर कि आईटी रेड सरकार की सच्चाई बेपर्दा करने वाली खबरों के कारण बदलने की कार्रवाई है, इसपर सरकार की तरफ से अभी कोई जवाब नहीं आया है.

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Published: 22 Jul 2021,04:03 PM IST

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