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देशभर में त्याग और बलिदान का त्योहार बकरीद धूम-धाम से मनाया जा रहा है. मुसलमानों के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है बकरीद. बकरीद के मौके पर मुसलमान नमाज के साथ-साथ पशु की कुर्बानी देते हैं. कुर्बानी देने के बाद इसे तीन हिस्सों में बांटा जाता है. एक हिस्सा गरीबों में, दूसरा हिस्सा दोस्त और रिश्तेदारों में और तीसरा हिस्सा अपने पास रखा जाता है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बताया कि 12 अगस्त को ईद-उल-अजहा के मौके पर कश्मीर में लोगों को मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाएगी. मोबाइल और लैंडलाइन फोन पर लगी रोक भी जल्दी हटा ली जाएगी.
अधिकारी ने बताया कि सरकार की पहली प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखना और किसी उपद्रव और जानमाल की हानि को रोकना है. जिला प्रशासन लगातार हालात की समीक्षा कर रहे हैं और वो लोगों को ईद पर मस्जिद में नमाज पढ़ने की सुविधा देंगे.
बकरीद का महीना इस्लामिक कैलेंडर का आखिरी महीना होता है. इस्लाम में कई सारे पैगम्बर आये हैं. पैगम्बर मतलब अल्लाह का दूत या मैसेंजर. उन्हीं पैगंबरों में से एक हैं इब्राहिम अलैहिस्सलाम. इन्हीं की वजह से कुर्बानी देने की परंपरा शुरू हुई.
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को ईद-उल-अजहा (बकरीद) की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की.
राजभवन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार राज्यपाल आनंदीबेन ने अपने बधाई संदेश में कहा कि ईद-उल-अजहा का त्योहार त्याग और बलिदान के प्रति आदर व्यक्त करने वाला पर्व है. इजरत इब्राहिम की कुर्बानी की याद में मनाया जाने वाला पर्व वास्तव में ईश्वर की रजामंदी को प्राथमिकता देते हुए त्याग के मर्म को दर्शाता है. ऐसे पर्वों से खुशियां बांटने और दुख कम करने की प्रेरणा लेनी चाहिए.
खुफिया एजेंसी (आईबी) ने अलर्ट जारी कर कहा है कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) और आईएसआई समर्थित आतंकवादी सोमवार को भारत में बकरीद के मौके पर हमले की साजिश रच रहे हैं. आईएसआई समर्थित जिहादी समूह के आतंकवादी जम्मू-कश्मीर और देश के दूसरे इलाकों में ईद के मौके पर आतंकी घटना को अंजाम दे सकते हैं.
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, इस्लामिक स्टेट और पाकिस्तान समर्थित प्रो-रेडिकल आतंकवादी संगठन भीड़भाड़ वाले स्थानों- बस अड्डे, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे और दूसरे महत्वपूर्ण स्थानों को निशाना बना सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बकरीद के मौके पर कश्मीरी गेट की पंजा शरीफ दरगाह पर नमाद अदा की.
अलीगढ़ की शाह जमाल इदगाह में सुरक्षा के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने ईद के मौके पर देशवासियों को बधाई दी है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘ईद-अल-अधा के मौके पर सभी को शुभकामनाएं. मैं उम्मीद करता हूं कि ये हमारे समाज में खुशी और शांति को बढ़ाए. ईद मुबारक!’
देश के पूर्व उप-राष्ट्रपति बकरीद के मौके पर संसद मार्ग की जामा मस्जिद में ईद की नमाज अदा करने पहुंचे.
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के मोहल्ला मस्जिद में सुरक्षा के बीच ईद की नमाज पढ़ी गई. श्रीनगर में अभी भी धारा 144 लागू है, हालांकि लोगों को इससे राहत दी गई है.
ईद के मौके पर पश्चिम बंगाल के फुलवारी में भारत-बांग्लादेश सीमा पर दोनों देशों ने दी एक-दूसरे को मुबारकबाद.
महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के शिरोली गावं में लोगों ईद के मौके पर नमाज पढ़ी. कोल्हापुर बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है. पिछले कई दिनों से यहां राहत बचाव का काम जारी है.
कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देशवासियों को बकरीद ईद की बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘यह शुभ अवसर सभी के लिए शांति, अच्छा स्वास्थ्य और खुशी लेकर आए.’
भुवनेश्वर की एक मस्जिद में अफगानिस्तान और इथोपिया के लोगों ने स्थानीय लोगों के साथ नमाज पढ़ी और ईद का त्योहार मनाया.
भारत और पाकिस्तान के बीच अंतराष्ट्रीय सीमा पर सोमवार को ईद उल अजहा के मौके पर सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच मिठाइयों का पारंपरिक आदान-प्रदान नहीं हुआ. अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ की मिठाई और बधाई देने की पहल का पाकिस्तानी पक्ष ने जवाब नहीं दिया.
बिहार के मुस्लिम परिवारों ने बकरीद और सावन का अंतिम सोमवार एक ही दिन पड़ने के कारण कुबार्नी को एक दिन के लिए टालने का फैसला लिया है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने 13 अगस्त (मंगलवार) को कुबार्नी देने का सामूहिक फैसला लिया है.
जम्मू-कश्मीर की मस्जिदों में बकरीद के मौके पर 10,000 से ज्यादा लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से नमाज अदा की. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि अनंतनाग, बारामूला, बडगाम, बांदीपुर के निवासियों ने नमाज अदा की और मिठाइयां बांटी. इस दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली.
महाराष्ट्र में मुंबई के करीब 25 लाख मुसलमानों सहित करीब दो करोड़ मुस्लिम बकरे की कुर्बानी के साथ बकरीद मना रहे हैं. कुर्बानी का त्योहार इस्लामिक कैलेंडर में जुल-हिज्जा के महीने में 10वें दिन पड़ता है.
मुंबई और उपनगरों के 500 से ज्यादा मस्जिदों में लाखों मुसलमानों ने सुबह की नमाज अदा की और इसके बाद बकरे की कुर्बानी दी गई.
परंपरा से हटकर, सीमा सुरक्षा बल ने सोमवार को ईद-उल-अजहा के मौके पर अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तानी रेंजरों के साथ मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान नहीं किया.
एक सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं उजाकर करने का आग्रह करते हुए कहा, "अटारी-वाघा सीमा पर मिठाइयों का आदान-प्रदान नहीं किया गया." हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें इसके पीछे का कारण नहीं पता है.
कश्मीर घाटी में छिटपुट विरोध प्रदर्शनों को छोड़कर मस्जिदों में नमाज शांतिपूर्ण संपन्न हुई, लेकिन कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगे होने के कारण सड़कों से त्योहार की रौनक गायब रही.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार जम्मू कश्मीर में लोग नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में बाहर निकले. श्रीनगर और शोपियां में प्रमुख मस्जिदों में नमाज अदा की गयी.
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