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Electoral Bonds Data: 1,200 करोड़ के चुनावी चंदे से जुड़े मेघा इंजीनियरिंग का मालिक कौन?

Electoral Bonds Data: 2022 में संसद में रोडवेज मंत्री नितिन गडकरी ने मेघा लिमिटेड की तारीफ की थी. इससे पहले इस पर आईटी ने छापा मारा था.

आदित्य मेनन & फातिमा खान
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Electoral Bonds Data</p></div>
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Electoral Bonds Data

फोटो: क्विंट हिंदी

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मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Megha Engineering and Infrastructures Limited) उन शीर्ष दानदाताओं में से एक है, जिन्होंने SBI से चुनावी बॉन्ड खरीदे थे. मेघा जिसे MEIL के नाम से जाना जाता है, उसने 2019 और 2023 के बीच 966 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) खरीदे. तेलंगाना स्थित इस कंपनी ने अपना पहला डोनेशन अप्रैल 2019 में और अपना नवीनतम डोनेशन अक्टूबर 2023 में दिया है.

MEIL से मिले चुनावी चंदा के अलावा, एसबीआई डेटा से यह भी पता चलता है कि एमईआईएल से जुड़ी तीन कंपनियों ने भी चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं. वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 220 करोड़ रुपये, एसईपीसी पावर ने 40 करोड़ रुपये और एवे ट्रांस प्राइवेट लिमिटेड ने 6 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया है.

अगर इन सभी को मिला दिया जाए तो एमईआईएल और संबंधित कंपनियों द्वारा खरीदे गए कुल बांड 1,200 करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाते हैं.

अगस्त 2018 में MEIL ने TV9 नेटवर्क में बड़ी हिस्सेदारी खरीदकर टीवी न्यूज में भी कदम रखा.

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने गुरुवार, 14 मार्च को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार चुनावी बॉन्ड डेटा सार्वजनिक कर दिया है. एसबीआई द्वारा मंगलवार को चुनाव निकाय में बॉन्ड डेटा जमा करने के बाद डेटा सार्वजनिक किया गया है. सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों के अध्ययन से पता चलता है कि एमईआईएल चुनावी बॉन्ड के माध्यम से दूसरी सबसे बड़ी चंदा देने वाली कंपनी है. पहले नंबर पर लॉटरी कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज है.

MEIL का मालिक कौन है?

MEIL की स्थापना 1989 में हैदराबाद स्थित उद्योगपति पामीरेड्डी पिची रेड्डी द्वारा मेघा इंजीनियरिंग एंटरप्राइजेज के रूप में की गई थी.

आंध्र प्रदेश के एक किसान परिवार में जन्मे रेड्डी ने नगर पालिकाओं के लिए पाइप के निर्माण के साथ अपने उद्योग की शुरूआत की और बाद में उनकी कंपनी ने बांधों, प्राकृतिक गैस वितरण नेटवर्क, पावर प्लांट और सड़कों जैसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अपने काम को बढ़ाया.

2006 में उन्होंने कंपनी का नाम बदलकर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर रख दिया. जो 1991 में पामीरेड्डी पिची रेड्डी के साथ जुड़े थे उनके भतीजे पीवी कृष्णा रेड्डी कंपनी चलाते हैं.

कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना MEIL द्वारा शुरू की गई सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक थी, जिसकी लागत 14 बिलियन डॉलर रही. इसमें गोदावरी नदी से तेलंगाना के सूखे इलाकों में पानी की आपूर्ति शामिल थी.

रिपोर्ट के अनुसार, रेड्डी ने परियोजना के बारे में कहा था, "यह एक नदी को की दिशा बदलने जैसा है."

कहा जाता है कि कंपनी ने पूरे एशिया में कई उद्यम शुरू किए हैं और इसने रक्षा क्षेत्र में भी प्रवेश किया है.

MEIL को रक्षा मंत्रालय और अन्य प्रमुख सरकारी परियोजनाएं के टेंडर मिले

रेड्डी 2023 में भारत के 100 सबसे अमीर लोगों में शामिल हो गए और उन्हें देश में निर्माण उद्योग में सबसे अमीर व्यक्ति माना जाता है. हैदराबाद में स्थित इनके घर को 'डायमंड हाउस' के नाम से जाना जाता है, जो काफी पॉपुलर है. क्योंकि इसका आकार और डिजाइन भी हीरे जैसा है.

अगस्त 2020 में, MEIL को जम्मू और कश्मीर में प्रतिष्ठित जोजिला परियोजना के लिए 4,509 करोड़ रुपये का सुरंग निर्माण टेंडर मिला था.

उस समय, बिजनेस स्टैंडर्ड ने रिपोर्ट किया था...

"कम चर्चित कंपनी मेघा इंजीनियरिंग ने इन्फ्रा स्पेस के दिग्गजों को पछाड़ दिया है." उन्होंने आगे लिखा कि पांच साल की अवधि 2014 से 2019 के बीच - कंपनी का राजस्व लगभग चौगुना हो गया, जबकि इसका शुद्ध लाभ 6 गुना बढ़ गया. लार्सन एंड टुब्रो के बाद यह भारत की सबसे बड़ी निर्माण और इंजीनियरिंग फर्म बन गई है.
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हाल ही में, जून 2023 में MEIL को रक्षा मंत्रालय से 500 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला.

MEIL ने एक बयान में कहा, "रक्षा मंत्रालय (MoD) ने गुरुवार को 5/7.5 टन के 1,035 रेडियो रिले संचार उपकरण कंटेनरों की खरीद के लिए COMM टेली लिमिटेड के साथ एक करार किया. कंटेनरों की डिलीवरी वित्तीय वर्ष 2023-24 से शुरू होने वाली है.

इससे पहले, अप्रैल 2023 में MEIL ने मुंबई में ठाणे-बोरीवली ट्विन सुरंग परियोजना के निर्माण के लिए दो अलग-अलग पैकेज हासिल किया था, जिसकी बोली 14,400 करोड़ रुपये पर आकर सिमटी थी. इसके लिए MEIL ने लार्सन एंड टुब्रो को हराया था.

MEIL ने अप्रैल 2023 के साथ अगले महीने के जुलाई 2023 में करोड़ों रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे.

MEIL से जुड़ी पावर कंपनी एसईपीसी ने नवंबर 2023 में तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के एक दिन पहले 40 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे. श्रीनिवास बोंथु को MEIL में "पूर्णकालिक निदेशक" के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, उन्हें SEPC में प्रबंध निदेशक के रूप में भी लिस्ट में शामिल किया गया है.

हालांकि, निश्चित तौर पर यह कहना असंभव है कि बॉन्ड किस पार्टी को दान किए गए थे क्योंकि एसबीआई ने अलग-अलग लिस्ट जारी की है. इनमें से एक चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और संस्थाओं और उनके बॉन्ड खरीद की तारीख के बारे में जानकारी देता है.

दूसरी सूची में चुनावी बॉन्ड भुनाने वाले राजनीतिक दलों, तारीख और राशि की जानकारी दी गई है. यह पता नहीं चल पा रहा है कि किस कंपनी ने किसका चुनावी बांड खरीदा है. बॉन्ड संख्या उपलब्ध नहीं करायी गयी है.

2019 में MEIL पर IT Raid

यह सभी परियोजनाएं मिलने के कुछ वक्त पहले ही कंपनी को अक्टूबर 2019 में आयकर (IT) छापे का सामना करना पड़ा था. आईटी विभाग ने हैदराबाद में 15 जगहों पर रेड्डी के कार्यालयों, आवास, गेस्ट हाउस और दिल्ली और मुंबई में कंपनी की संपत्तियों पर भी छापा मारा था.

उसी साल, MEIL को कालेश्वरम परियोजना के निर्माण का ठेका दिया गया था. कंपनी ने आंध्र प्रदेश में पट्टीसीमा सिंचाई परियोजना का भी तय समय में निर्माण पूरा किया था. MEIL के पास की झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में बड़ी पावर प्रोजेक्ट हैं. MEIL ने मध्य प्रदेश में खरगोन लिफ्ट सिंचाई परियोजना भी बनाई थी.

तेलंगाना में विपक्ष MEIL पर तत्कालीन TRS (अब भारत राष्ट्र समिति या BRS) सरकार का करीबी होने का आरोप लगाता रहा है. तत्कालीन YSR तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला जो अब कांग्रेस में हैं उन्होंने साल 2022 में कालेश्वरम परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.

2024 में, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट के बाद कंपनी पर कालेश्वरम परियोजना में धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था. उनपर आरोप लगाया गया था कि कंपनी को केवल चार पैकेजों के लिए 5,188.43 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था. पैकेज में पंप, मोटर की आपूर्ति और कमीशनिंग और सहायक उपकरण शामिल थे.

कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने BRS पर MEIL कंपनी को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि KLIS की 'बाहुबली' परियोजना "भ्रष्टाचार का खजाना" थी.

संसद में नितिन गडकरी ने की थी  MEIL की तारीफ

मार्च 2022 में, केंद्रीय सड़क और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हिमालय के पास जोजीला सुरंग के निर्माण के संबंध में संसद में MEIL की तारीफ की थी.

उन्होंने कहा...

"सुरंग बनाने की अनुमानित लागत 12,000 करोड़ रुपये थी. और मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि जिस कंपनी ने टेंडर जीता है... वह हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग कंपनी है, और इस एक काम के जरिए से हमारी सरकार ने 5,000 करोड़ रुपये बचाए हैं."

इसके बाद संसद में तालियों की गूंज सुनाई दी.

मेघा लिमिटेड की 2022 में संसद में रोडवेज मंत्री नितिन गडकरी द्वारा तारीफ की गई, वहीं इससे पहले कंपनी पर आईटी ने छापा मारा था.

रोडवेज मंत्री नितिन सुरंग का जायजा लेते हुए

इससे भी पहले, MEIL ने सितंबर और अक्टूबर 2021 में गडकरी द्वारा सुरंग का जायजा लेते हुए वीडियो शेयर किया था.

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