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RPF अधिकारी बोले- कश्मीर में बिगड़ सकते हैं हालात,रेलवे ने दी सफाई

अधिकारी ने जताई कश्मीर में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका

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अधिकारी ने जताई कश्मीर में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका
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अधिकारी ने जताई कश्मीर में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका
(फोटो:PTI)

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कश्मीर में 10 हजार सैनिकों की तैनाती के बाद चल रहे विवाद के बीच अब रेलवे सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने इसे हवा दे दी है. बडगाम में रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी ने एक लेटर लिखकर कर्मचारियों से राशन जमा करने की सलाह दी है. उनके मुताबिक कश्मीर में आने वाले समय में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. अधिकारी के इस बयान के बाद पूरे विभाग में खलबली मच गई.

अधिकारी के इस बयान पर बवाल इस कदर मचा कि खुद रेलवे को सामने आकर सफाई देनी पड़ी. रेलवे ने सफाई देते हुए कहा कि इस तरह के लेटर का कोई भी आधार नहीं है. ऐसा लेटर जारी करने के लिए अधिकारी के पास किसी तरह के कोई अधिकार नहीं हैं.

अधिकारी के लिखे इस लेटर में कहा गया है, 'कश्मीर घाटी में लंबे समय तक स्थिति के बिगड़ने की आशंका और कानून व्यवस्था के संबंध में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और एसएसपी/जीआरपी/ एसआईएनए (श्रीनगर के सरकारी रेलवे पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) से मिली जानकारी के मुताबिक 27 जुलाई को एहतियात सुरक्षा बैठक हुई'. नुग्याल ने कर्मचारियों से कम से कम चार महीने के लिए राशन इकट्ठा कर लेने और अपने परिवार को घाटी के बाहर लेकर जाने की सलाह दी है.

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राजनीति भी हुई तेज

आरपीएफ बडगाम के सहायक सुरक्षा आयुक्त सुदेश नुग्याल के इस लेटर के जारी होने के बाद इसे सोशल मीडिया पर भी जमकर शेयर किया जा रहा है. वहीं इस पर राजनीति भी शुरू हो गई. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने इस लेटर को ट्विटर पर शेयर करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

घाटी के लोगों पर यह इल्जाम लगाना काफी आसान है कि वो डर फैलाने का काम कर रहे हैं. लेकिन ऐसे आधिकारिक आदेश का क्या, जिसमें कानून व्यवस्था के बिगड़ने और इसके लिए तैयारियां करने की बात कही जा रही है. आखिर सरकार चुप क्यों है?
उमर अब्दुल्ला

रेलवे की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि लेटर लिखने वाले अधिकारी छुट्टी पर हैं. उन्होंने कश्मीर पर जो भी सलाह दी है वो उनकी व्यक्तिगत राय है. उन्हें रेलवे की तरफ से ऐसा कोई भी लेटर जारी करने के लिए नहीं कहा गया था और इसके लिए वो अधिकृत भी नहीं हैं.

क्यों हो रहा है विवाद

दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 100 और कंपनियां तैनात करने की घोषणा की गई है. जिसमें घाटी में कुल 10 हजार नए जवानों की तैनाती होगी. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद बवाल शुरू हो गया. कई लोगों ने आरोप लगाया कि सरकार कश्मीर में कुछ बड़ा करने की तैयारी में है. नेताओं ने इसे आर्टिकल 35ए को खत्म करने के लिए सरकार का कदम बताया. पूर्व सीएम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी ट्वीट कर इसे डर पैदा करने वाला कदम बताया.

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Published: 29 Jul 2019,09:00 AM IST

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