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6 मई, 2018 को एसएसपी शैलेंद्र मिश्रा कश्मीर के शोपियां के बड़ीगाम इलाके में ये अनाउंसमेंट कर रहे थे. पुलिस-जवानों के साथ खड़े एसएसपी उस जगह पर ये अनाउंसमेंट कर रहे थे, जहां आतंकी छिपे हुए थे. उन्होंने पहले नरमी बरतनी चाही. उन्हें लगा कि शायद आतंकी सरेंडर कर देंगे. लेकिन आतंकियों ने फायरिंग के साथ जवाब देते हुए उनके आॅफर को ठुकरा दिया.
नतीजा ये हुआ कि शैलेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में हुए एनकाउंटर में छिपे हुए सभी 5 आतंकी मार गिराए गए. इस एनकाउंटर के साथ ही घाटी में दहशत फैलाने वाले ‘बुरहान वानी गैंग’ का सफाया हो गया. इसमें हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर सद्दाम पैडर भी मारा गया.
आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहते शोपियां एसएसपी शैलेंद्र मिश्रा-
इस एनकाउंटर को अंजाम देने वाले शैलेंद्र मिश्रा अपने बयानों को लेकर काफी सुर्खियों में रहे हैं.
2009 बैच के कश्मीर कैडर के आईपीएस मिश्रा ने दिसंबर 2017 में कहा था, ''मेरा मानना है कि आतंकवादियों की हत्या हमारी सामूहिक विफलता है. आतंकियों को मारने को लेकर जश्न नहीं मनाना चाहिए.”
शायद यही वजह है कि वो आतंकियों को आतंक का रास्ता छोड़ने की आखिरी चेतावनी या यों कहें मौका दे रहे थे. एसएसपी मिश्रा का हाल ही में साउथ कश्मीर के शोपियां में ट्रांसफर हुआ है. शोपियां घाटी में सक्रिय आतंकी संगठनों में होने वाली भर्ती का ‘गढ़’ माना जाता है.
बता दें, कश्मीर में बीते 2 सप्ताह के भीतर हुए एनकाउंटर में हिज्बुल के टाॅप कमांडरों का खात्मा किया गया है. इन आतंकियों के खात्मे के पीछे की कहानी भी कम फिल्मी नहीं है. घाटी में सक्रिय आतंकी सोशल मीडिया पर किसी ‘हीरो’ की तरह दिखते हैं. समय-समय पर उनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं, जिनमें वो किसी जंगल में हथियार पकड़े हंसते-मुस्कुराते, बैखौफ दिखते हैं.
साल 2015 में एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसने कश्मीर घाटी सहित पूरे देश में सनसनी फैला दी थी. उस तस्वीर में खूंखार आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर बाॅय बुरहान वानी सहित 10 दहशतगर्द हाथ में हथियार थामे दिखे. उस वायरल तस्वीर में सद्दाम पैडर भी था.
किसी हिंदी सिनेमा के पोस्टर सरीखे उस तस्वीर में आतंकी बेखौफ दिख रहे थे. वो सभी ‘कश्मीर के नए लड़के’ थे जिन्होंने हथियार उठा लिया था. ये तस्वीर एक सेब के बगीचे में खींची गई थी.
एनकाउंटर में मारा गया सद्दाम हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर था. वो 2014 से ही आतंकी गतिविधियों में एक्टिव था.
देखें वीडियो-
30 अप्रैल को भी घाटी में सुरक्षाबलों को दहशतगर्दों के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी मिली थी. उस दिन समीर अहमद भट्ट उर्फ समीर टाइगर का एनकाउंटर हुआ था.
उसके एनकाउंटर में भी एक नाटकीय पुट है. एनकाउंटर से ठीक 1 दिन पहले समीर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने मेजर रोहित शुक्ला को चैलेंज किया था. एक स्थानीय नागरिक, जिसे समीर सेना का एजेंट समझता है, उससे वो वीडियो में कहता है:
पुलवामा के द्रबगाम में उसे उसके 2 और आतंकी साथियों के साथ ढेर किया गया.
44 राष्ट्रीय राइफल्स ने मोर्चा संभाला था. सेना की इस टुकड़ी की कमान मेजर रोहित शुक्ला ही संभाल रहे थे. हालांकि मुठभेड़ में वो भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
जांबाज मेजर रोहित शुक्ला को इसी साल 27 मार्च को शौर्य चक्र भी मिला है. वे इन दिनों 44 राष्ट्रीय राइफल्स में मेजर पद पर तैनात हैं.
सेना की ओर से एनकाउंटर का एक वीडियो रिलीज किया गया था, जिसमें मेजर शुक्ला की टाइगर को ढेर करने की रणनीति साफ दिख रही है.
घर को सेना की गाड़ियों ने घेर रखा है और एक से तेल का छिड़काव किया जा रहा है. इसके बाद एक धमाका होता है और देखते ही देखते ही पूरे घर में आग लग जाती है. पूरे घर में धुआं ही धुआं भर जाता है. इसी बीच कुछ जवान चिल्लाते हैं, 'समीर यहां है'...इसी बीच समीर भागने की कोशिश करता है, लेकिन उस पर ताबड़तोड़ गोलियों की बरसात हो जाती है और वो उसी जगह मारा जाता है.
बता दें, पत्थरबाजी से शुरुआत करने वाला आतंकी समीर 2016 में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद हिज्बुल का नया पोस्टर बाॅय था. वो हिज्बुल का मेन रिक्रूटर था, जो लड़कों की भर्ती करता था.
2017 में वो एक तस्वीर से सुर्खियों में आया था. लंबे वालों वाला समीर अमेरिकन एम4 कार्बाइन थामे कैमरे की तरफ स्टाइलिश पोज दे रहा था. इस तस्वीर ने सेना के सामने सवाल खड़ा कर दिया था कि अमेरिका में बने हथियार आखिर घाटी तक कैसे पहुंचे?
ए++ कैटेगरी का ये आतंकी लंबे समय से सेना की वॉन्टेड लिस्ट में था, जिसे मेजर रोहित शुक्ला ने शौर्य का परिचय देते हुए ढेर किया.
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