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उत्तर प्रदेश के खनन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने हमीरपुर की जिलाधिकारी रहीं IAS बी. चंद्रकला से पूछताछ की है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम समाजवादी पार्टी के नेता रमेश मिश्रा और दिनेश मिश्रा से पहले ही पूछताछ कर चुकी है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीती 24 तारीख को बी. चंद्रकला को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन चंद्रकला नहीं पहुंची, जिसके बाद उन्हें समन जारी कर दोबारा बुलाया गया.
आईएएस बी. चंद्रकला बुधवार सुबह 9 बजे अपने वकील सैय्यद सऊद के साथ लखनऊ स्थित प्रवर्तन निदेशालय के मुख्यालय पहुंची. यहां निदेशालय के अधिकारियों ने दोनों से करीब 3 घंटे तक पूछताछ की.
अवैध खनन मामले में चंद्रकला से बीते गुरुवार को पूछताछ होने वाली थी. लेकिन वह ईडी दफ्तर नहीं पहुंचीं. उनके वकील ने कहा कि उनसे जो दस्तावेज मांगे गए थे उन्हें जमा कर दिया गया है. चंद्रकला बाद में ईडी दफ्तर में हाजिर होंगी. चंद्रकला के पेश न होने के बाद ईडी ने दोबारा समन जारी कर चंद्रकला को पूछताछ के लिए बुलाया था.
बी चंद्रकला समेत 11 लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले दिनों केस दर्ज करते हुए उन्हें पूछताछ के लिए सम्मन जारी किया था. घोटाले की जांच के लिए ईडी ने सवालों की लिस्ट तैयार कर रखी है.
बी. चंद्रकला पर हमीरपुर में जिलाधिकारी रहते हुए अवैध खनन और अपने परिचित लोगों को खनन पट्टे देने का आरोप है. चंद्रकला ने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे दिए थे, जबकि ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था, लेकिन बी.चंद्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी.
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दो साल पहले हाईकोर्ट ने बी.चंद्रकला की ओर से आवंटित सभी मौरंग खनन के पट्टों को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने उनके कार्यकाल के दौरान हुए खनन और पट्टों के आवंटन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
इसके बाद CBI ने इस महीने की 5 तारीख को बी. चंद्रकला के लखनऊ स्थित आवास समेत प्रदेश के अन्य जिलों- हमीरपुर, जालौन, बुलंदशहर आदि कई जगहों पर भी छापेमारी की थी. छापे में सीबीई टीम ने चंद्रकला के घर से कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए थे.
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