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दिल्ली कोर्ट ने एनवायरमेंट एक्टिविस्ट दिशा रवि को 1 लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दे दी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट के मामले में 23 फरवरी को क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की जमानत याचिका पर सुनवाई की.
दिल्ली कोर्ट ने साफ तौर पर माना है कि- "रिकॉर्ड पर एक्टिविस्ट दिशा रवि और प्रतिबंधित सिख संगठन सिख फॉर जस्टिस के बीच कोई भी संबंध होने के सबूत नहीं हैं."
इससे पहले सोमवार को मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने रवि को पूछताछ के लिए एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. इस मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने दो संदिग्धों निकिता जैकब और शांतनु मुलुक से भी पूछताछ की है. ये दोनों इस समय ट्रांजिट जमानत पर हैं.
अभियोजन पक्ष ने कानून के प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा कि गिरफ्तारी के बाद सिर्फ 15 दिन तक हिरासत में पूछताछ की जा सकती है. उसने कहा, “तीनों आरोपियों की संलिप्तता थी. हमें तीनों का आमना-सामना कराना होगा. हिरासत में पूछताछ के लिए हमारे पास केवल सात दिन का समय है.”
दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन का समर्थन करने के लिए सोशल मीडिया पर जारी ‘टूलकिट गूगल दस्तावेज’ की जांच के सिलसिले में 13 फरवरी को बेंगलुरु से दिशा रवि को गिरफ्तार किया था. इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने जैकब और मुलुक को ट्रांजिट जमानत दे दी थी.
पुलिस ने आरोप लगाया था कि टूलकिट कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन की आड़ में भारत में अशांति पैदा करने और हिंसा फैलाने की वैश्विक साजिश का हिस्सा थी.
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