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केरल में तबाही: कई इलाकों में रेड अलर्ट हटा, राहत-बचाव का काम तेज 

कैसे बाढ़ की चपेट में आया केरल, राज्य में क्या है अब हालात

प्रसन्न प्रांजल
भारत
Updated:
केरल में भारी बारिश और लैंडस्लाइड से मरने वालों की तादाद 357 हुई 
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केरल में भारी बारिश और लैंडस्लाइड से मरने वालों की तादाद 357 हुई 
(फोटोः PTI)

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केरल में भारी बाढ़ की वजह से जारी रेड अलर्ट को हटा लिया गया है लेकिन जबरदस्त बारिश की वजह से कई इलाके अब भी तबाही का मंजर बने हुए हैं. आठ अगस्त से जारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से अब तक 357 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि चेंगनुर, पथनमथिट्टा, अलुवा और अडूर को बारिश ने पूरी तरह बरबाद कर दिया है. इस बीच, प्रशासन और राहतकर्मी पानी में फंसे हजारों लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश में लगे हैं. साथ ही महामारी रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है.

  • केरल में 100 साल में आई सबसे विनाशकारी बाढ़
  • 8 अगस्त से लगातार मूसलाधार बारिश जारी
  • 3.53 लाख लोग 2000 से ज्यादा राहत शिविरों में रहने को मजबूर
  • 26 साल बाद खोला गया इडुक्की बांध का गेट
  • कोच्चि एयरपोर्ट 26 अगस्त तक बंद, रेल और बस रूट भी प्रभावित

केरल में लगभग 100 सालों में यह सबसे विनाशकारी बाढ़ है. आखिर क्यों आई ये विनाशकारी बाढ़ और फिलहाल राज्य में कैसे हैं हालात डालते हैं एक नजर-

क्यों आई ये विनाशकारी बाढ़?

मॉनसून में हर साल केरल में देश के कुछ राज्यों की तुलना में ज्यादा बारिश होती है. केरल में पश्चिमी घाट वाले ऊंचे पहाड़ है. ये पहाड़ मॉनसून की आद्र हवाओं को रोक लेते है. इस वजह से केरल में अधिक बारिश होती है. साउथ वेस्ट मॉनसून इस साल केरल में काफी मजबूत रहा. इस वजह से इतनी अधिक बारिश हो गई कि वहां के शहर तो जलमग्न है ही नदियां भी पानी से लबालब है.

मौसम विभाग का कहना है कि इस बार केरल में अब तक औसत से 37 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है. आने वाले दिनों में भी और अधिक तेज बारिश होनी की आशंका है. पर्यावरणविदों का मानना है कि केरल में काफी तेजी से हो रही पेड़ों की कटाई भी इस आपदा के लिए जिम्मेदार है.
केरल में बाढ़ ने मचाई तबाही(फोटोः PTI)
“राज्य इस समय सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है. बाढ़ ने पूरे राज्य में तबाही मचाई हुई है. राज्य ने ऐसी विपदा का सामना पहले कभी नहीं किया.” 
पी विजयन, मुख्यमंत्री, केरल

केरल के 11 जिले बुरी तरह प्रभावित

केरल के 14 जिलों में से 13 जिले बाढ़ की चपेट में है. जो इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं वो पश्चिमी घाट के 'इकोलॉजिकल सेंसिटिव जोन' के अंतर्गत आते हैं. भारी बारिश और बाढ़ को देखते हुए शनिवार को एक बार फिर 11 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है. इसमें इडुक्की, कोझिकोड, वायनाड, मलप्पुरम, पाथनमथिट्टा, कन्नुर और एर्नाकुलम शामिल है.

मौसम विभाग के मुताबिक, पथनमथिट्टा, तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलपुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड और वायनाड जिलों में 18 और 19 अगस्त को 60 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और भारी बारिश की आशंका जताई गई है.
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357 की मौत, 2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित

राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 357 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 3.53 लाख लोग 2000 से ज्यादा राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं. गैर सरकारी आंकड़ों की अगर माने तो ये आंकड़ा और अधिक बढ़ सकता है.

26 साल बाद खोला गया इडुक्की बांध का गेट

मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल केरल में भारी बारिश हुई है. भारी बारिश की वजह से एक तरफ जहां राज्य के अधिकांश इलाकों में जलजमाव की स्थिति पैदा हुई, वहीं अधिकांश छोटी-बड़ी नदियों के वाटर लेवल में भी काफी बढ़ोतरी हुई है.

वाटर लेवल बढ़ने के बाद एक-एक करके इडुक्की बांध के पांचों गेटों को खोला गया. ऐसा 26 सालों के बाद किया गया. इससे पहले साल 1992 में यहां के गेट खोले गए थे.

केरल में 41 छोटी-बड़ी नदियां हैं जो अरब सागर में मिलती हैं. इन नदियों पर 80 बांध हैं. मूसलाधार बारिश की वजह से इन 80 बांधों में वाटर लेवल क्षमता से अधिक होने के बाद उनसे भी पानी छोड़ना पड़ा है. इन सभी बांधों के गेट खोलने की वजह से राज्य में बाढ़ के हालात और गंभीर हो गए.

केरल में राहत और बचाव काम तेजी से जारी(फोटोः PTI)

सड़क-रेल सेवा प्रभावित, कोच्चि एयरपोर्ट बंद

बाढ़ की वजह से राज्य में सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित है. वहीं कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट कैंपस में पानी घुस जाने के कारण यहां भी विमानों की आवाजाही बंद कर दी गई है. 26 अगस्त तक इस एयरपोर्ट को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है.

कोच्चि एयरपोर्ट का नजारा(फोटोः PTI)

अब तक करीब 20 हजार करोड़ का नुकसान

राज्य सरकार का कहना है कि शुरुआती अनुमान के मुताबिक, राज्य को इस बाढ़ की वजह से अब तक 19,512 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है. प्रभावित इलाकों से बाढ़ का पानी घटने के बाद ही वास्तविक नुकसान का अनुमान लगाया जा सकता है. सरकारी दावों के मुताबिक, 32,500 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में लगी फसलें तबाह हो गयीं.

राज्य में हुए इस नुकसान को देखते हुए केरल के सबसे प्रमुख फेस्टिवल ओणम को भी नहीं मनाने का फैसला किया गया है.

केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने दी मदद

केरल के इस हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों ने आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा कर 500 करोड़ रुपये की आर्थिक राशि देने का ऐलान किया है. वहीं, बिहार, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड सरकार ने भी मदद देने की घोषणा की है.

(इनपुटः PTI और IANS)

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Published: 18 Aug 2018,07:22 PM IST

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