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आंध्र प्रदेश में मतदान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को तोड़ने वाले वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के विधायक पिन्नेली रामकृष्ण रेड्डी (Rama Krishna Reddy) अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. पुलिस टीमें उन्हें तलाश रही हैं.
माचेरला के विधायक का कोई पता नहीं चला, जबकि आठ पुलिस टीमें उनका पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी रखे हुई हैं.
हालांकि, विधायक के काफिले के कुछ वाहन तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में पाए गए और उनके ड्राइवर को पूछताछ के लिए बुलाया गया, लेकिन टीमें 22 मई की रात तक उनका पता नहीं लगा सकीं.
वीडियो सामने आने पर भारत निर्वाचन आयोग ने इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देने और तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया था. इसके बाद पलनाडु जिले की पुलिस टीमों ने विधायक की तलाश शुरू की.
रामकृष्ण रेड्डी, जो माचेरला से वाईएसआरसीपी उम्मीदवार के रूप में फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, 13 मई को मतदान के दौरान एक मतदान केंद्र में चले गए और ईवीएम को नीचे फेंक दिया. वीडियो वायरल होने के बाद यह घटना सामने आई.
पुलिस महानिदेशक हरीश कुमार गुप्ता ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी एम.के. मीणा ने कहा कि विधायक की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं.
प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को 20 मई को बदल दिया गया, जिसमें विधायक को पहले आरोपी के रूप में सूचीबद्ध किया गया.
इससे पहले, सीईओ एम.के. मीणा ने कहा कि विधायक के घर पर पुलिस ने छापा मारा, लेकिन वह नहीं मिले.
उन्होंने कहा, "व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए कई टीमें घूम रही हैं."
यह घटना 13 मई को विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए एक साथ मतदान के दौरान पलनाडु जिले के रेंटाचिंतला मंडल में पलवई गेट मतदान केंद्र पर हुई.
जैसे ही भारत के चुनाव आयोग ने घटना को गंभीरता से लिया और डीजीपी को इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया, पुलिस ने विधायक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की 10 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.
सीईओ मीणा के मुताबिक, ये 10 धाराएं मजबूत धाराएं हैं, जिनके तहत सात साल तक की सजा हो सकती है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, लेकिन वीडियो फुटेज देखने के बाद विधायक को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया है.
संबंधित न्यायालय में एक ज्ञापन भी दाखिल किया गया है. पलनाडु पुलिस ने रामकृष्ण रेड्डी को गिरफ्तार करने के लिए विशेष टीमें हैदराबाद भेजी हैं. मामले की जांच का नेतृत्व जिला पुलिस अधीक्षक कर रहे हैं.
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