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अटल बिहारी सरकार में जसवंत सिंह के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने रक्षा, वित्त और विदेश जैसे तीनों अहम मंत्रालय संभाले. जसवंत सिंह को अटल बिहारी का हनुमान कहा जाता है.
जसवंत सिंह का जन्म 3 जनवरी 1938 को बाड़मेर के जसोल गांव में हुआ था. जसवंत सिंह 1960 के दशक में सेना में शामिल हो गए. उसके पहले उन्होंने मेयो कॉलेज और नेशनल डिफेंस एकेडमी, खड़कवासला से अपनी ट्रेनिंग की.
जसवंत सिंह सेना की नौकरी के बाद राजनीति में आ गए. हालांकि उन्हें शुरुआत में सफलता नहीं मिली. बाद में वे जनसंघ में शामिल हो गए. जसवंत सिंह सबसे लंबे वक्त तक सदन के सदस्य रहने वाले लोगों में से एक हैं.
जसवंत सिंह सबसे पहले अटल बिहारी की 13 दिन की सरकार में 1996 में वित्तमंत्री बने. बाद में 1998 में जब अटल बिहारी दोबारा प्रधानमंत्री बने, तो जसवंत सिंह को विदेश मंत्रालय की कमान सौंपी गई. जिसे वे 2002 के दिसंबर तक संभाले रहे. बीच में सन् 2000 से 2001 के बीच 22 महीनों के लिए उन्हें रक्षामंत्रालय का प्रभार भी मिल गया. 2002 से 2004 के बीच जसवंत सिंह को वित्तमंत्री बनाया गया.
2009 में अपनी किताब में जिन्ना की तारीफ करने के चलते जसवंत सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया था. हालांकि बाद में उनका सस्पेंशन रद्द कर दिया गया. 2014 में जसवंत सिंह को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी से अलग रास्ता अपना लिया और निर्दलीय चुनाव लड़ा. लेकिन जसवंत सिंह कर्नल सोनाराम से बाड़मेर सीट से ही चुनाव हार गए.
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