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24 सितंबर को आरबीआई ने पीएमसी बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके साथ ही उसने बैंक से विदड्रॉल लिमिट 1000 रुपये कर दी थी. हालांकि बाद में यह सीमा पहले दस हजार और फिर 25 हजार रुपये कर दी गई. इस बीच, एक वीडियो सर्कुलेट होने लगा, जिसमें यह दिख रहा था कि कुछ लोग अपना डिपोजिट लेकर ऐसी जगह से निकल रहे हैं, जो बैक डोर एंट्रेस लग रहा था.
वीडियो में इसे पीएमसी बैंक का खार ब्रांच बताया जा रहा था. इसमें लिखा था- देखिये, कैसे बैंक के चेयरमैन और डायरेक्टर पैसा निकाल कर ले जा रहे हैं. देखिये, पीएमसी बैंक के प्रमोटर का परिवार बाहरी दरवाजे से अपनी सारी ज्वैलरी लेकर जा रहा है.
यह वीडियो वॉट्सऐप पर भी शेयर हो रहा है. जिसमें कहा गया है- पीएमसी बैंक कर्मचारी सभी पंजाबियों का अपना पैसा बैंक से ले जाने दे रहे हैं. इन्हें पिछले दरवाजे से अंदर घुस कर पैसा ले जाने की इजाजत दी गई.
‘द क्विंट’ को अपनी हेल्पलाइन नंबर पर इस वीडियो का एक वर्जन मिला.
वीडियो पीएमसी बैंक का है. लेकिन वीडियो यह नहीं दिखाता कि कंपनी के प्रमोटर या डायरेक्टर पैसा या ज्वैलरी निकाल कर जा रहे हैं. न ही वीडियो में कोई धार्मिक पूर्वाग्रह दिख रहा है. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ‘द क्विंट’ से कहा कि जो वीडियो सर्कुलेट हो रहा है वह यह दिखाता है कि बैंक के डिपोजिटर लॉकर से अपना सामान लेकर बाहर बैंक से बाहर निकल रहे हैं. आरबीआई के निर्देश के बाद भीड़भाड़ से बचने के लिए डिपोजिटरों ने बैक डोर का इस्तेमाल किया था. कई फेसबुक यूजर्स ने इसे पीएमसी का खार ब्रांच बताया है लेकिन आर्थिक अपराध शाखा ने इसकी पुष्टि नहीं की.
आरबीआई ने पीएमसी को लेकर जो पहला निर्देश जारी किया है उसमें कहा गया है-
हालांकि आरबीआई के अधिकारियों ने कहा कि यह आरबीआई का 'कस्टोडियन फंक्शन' है. लॉकरों पर कोई नियंत्रण नहीं है. द क्विंट ने वीडियो में दिख रहे एक कस्टमर से बात करने की कोशिश की है. जैसे ही उनका जवाब मिलेगा, हम आपको जानकारी देंगे.
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