Home News India विपक्ष के विरोध के बीच RS में ध्वनिमत से किसान बिल पास, माइक टूटा
विपक्ष के विरोध के बीच RS में ध्वनिमत से किसान बिल पास, माइक टूटा
विपक्षी दलों का कहना है कि राज्यसभा के नियमों को ताक पर रखकर ये बिल पास कराए गए हैं
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राज्यसभा (Rajya Sabha) में विपक्षी दलों के भारी हंगामे के बीच दो अहम कृषि बिल पास हो गए हैं
( फोटो: PTI)
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राज्यसभा (Rajya Sabha) में विपक्षी दलों के भारी हंगामे के बीच दो अहम कृषि बिल पास हो गए हैं. लेकिन सत्ताधारी पार्टी के बिल पास कराने के तरीके को लेकर विपक्षी दल नाराज हैं. 12 विपक्षी दलों ने मिलकर राज्यसभा के उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है. विपक्षी दलों का कहना है कि राज्यसभा के नियमों को ताक पर रखकर ये बिल पास कराए गए हैं और ये संसदीय व्यवस्था की हत्या है. इसके पहले विपक्षी दलों के हंगामे के दौरान राज्यसभा की चेयर के सामने लगा माइक तोड़ा गया. विपक्ष ने इस दौरान सरकार पर राज्यसभा की लाइव ब्रॉडकास्टिंग करने वाले चैनल राज्यसभा टीवी की फीड बंद करने का आरोप लगाया है.
विपक्ष चाहता था कि बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया जाए. फिर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सदन की कार्यवाही कोरोना के कारण तय समय 1 बजे के बाद न चले, अपनी मर्जी से सदन की कार्यवाही जारी नहीं रख सकते. जब चेयर ने ये बात नहीं मानी तो हंगामा और बढ़ा. इस बीच विपक्षी सांसद वेल में आ गए और हंगामा किया. तृणमूल सांसद डेरेन ओ ब्रायन ने चेयर को रूल बुक दिखाते हुए उसे फाड़ डाला और इसके बाद उपसभापति का माइक भी तोड़ा गया. सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित हुई. कार्यवाही वापस शुरू हुई तो बिना वोटिंग के ध्वनिमत से दोनों बिल पास करा लिए गए.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सदन से बाहर आकर ट्विटर पर एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने कहा-
इस सरकार ने हमें विपक्ष के रूप में मौका नहीं दिया. किसानों के बिल पर हमारा प्रस्ताव था कि सिलेक्ट कमिटी को भेजा जाए. नियम ये कहता है कि अगर सदन का एक भी सदस्य वोटिंग के लिए कहता है तो वोटिंग कराई जानी चाहिए. ये सरकार जानती थी कि वो इस बिल को पास नहीं करा पाएंगे. सरकार के विरोध में 13-14 विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं. हमने देखा कि ये हमारी संसदीय व्यवस्था की हत्या है. ये लोकतंत्र की हत्या है. राज्यसभा टीवी को भी बंद कर दिया गया है. तो हम अपना विरोध भी नहीं जता सकते. मार्शल ने हमसे धक्का मुक्की की. मैं अपनी सहयोगी विपक्षी पार्टियों को धन्यवाद देना चाहता हूं. यहां पर मीडिया नहीं था. अब हमें पता चला कि यहां मीडिया क्यों नहीं था. बीजेपी इसे ऐतिहासिक दिन बता रही है. ये वाकई ऐतिहासिक दिन है.
डेरेक ओ ब्रायन, राज्यसभा सांसद, टीएमसी
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ये रवैया लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ: कांग्रेस
राज्यसभा के उपसभापति को लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को बचाना चाहिए लेकिन आज उनके व्यवहार से लोकतांत्रिक परंपराओं को चोट पहुंची हैं. तो हमने तय किया है कि हम उनके खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे.
अहमद पटेल, राज्यसभा सांसद, कांग्रेस
सड़क और संसद के बीच का तार तोड़ रही बीजेपी: मनोज झा
इस हुकूमत में हम एक दिन कहते हैं कि आज सबसे काला दिन था, परन्तु अगले दिन पता चलता है कि बीता हुआ दिन कम काला था और ये ज्यादा काला है. आप एक ऐसा बिल लेकर आ रहे हैं जिससे पूरे देश में आंदोलन शुरू हो गया है, आप सड़क और संसद के बीच का तार तोड़ रहे हैं
हंगामा करते हुए विपक्षी ने तोड़ा चेयर के सामने लगा माइक
कृषि बिलों पर विरोध करते हुए राज्यसभा के विपक्षी दलों के सांसदों ने चेयर के सामने लगा माइक तोड़ दिया. हंगामे के बीच चेयर पर उपसभापति हरिवंश बैठे हुए थे. तभी अचानक से किसी ने माइक खींचा और माइक टूट गया. उपसभापति के बगल में खड़े अधिकारी ने माइक छीनकर बचाने की कोशिश की.
बिलों का पास होना ऐतिहासिक- पीएम
राज्यसभा से बिल पास होने के बाद पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर कहा कि
मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं. MSP की व्यवस्था जारी रहेगी. सरकारी खरीद जारी रहेगी. हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं. हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे.