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Farmers Protest: किसानों और सरकार के बीच रविवार, 18 फरवरी को चौथे दौर की वार्ता होगी. किसान एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार के तरफ से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय किसान संघों की मांगों पर 18 फरवरी को किसानों के प्रतिनिधिमंडल संग चर्चा करेंगे. दोनों पक्षों के बीच इससे पहले आठ, 12 और 15 फरवरी को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी. इधर, किसान छठे दिन भी शंभू बॉर्डर पर दिल्ली जाने के लिए डटे हुए हैं.
18 फरवरी को किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा...
''शंभू बॉर्डर पर आज हमारा छठा दिन है. आज हम सरकार से बातचीत भी कर रहे हैं. सरकार ने कुछ समय मांगा है और कहा है कि वह इस मामले पर केंद्रीय मंत्रियों के साथ चर्चा करेगी, मिलकर इसका समाधान निकालेगी..."
हालांकि, बातचीत से एक दिन पहले पंजाब फार्म यूनियन नेताओं ने शनिवार, 17 फरवरी को कहा कि सरकार को किसानों को एमएसपी की गारंटी प्रदान करने के लिए एक अध्यादेश लाना चाहिए.
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर पत्रकारों से कहा कि ''अगर सरकार चाहे तो रातों-रात अध्यादेश ला सकती है. अगर वह किसानों के विरोध का समाधान चाहती है, तो उसे एक अध्यादेश लाना चाहिए. भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पंधेर से सहमति जताई और अध्यादेश की मांग दोहराई.
दल्लेवाल ने कहा कि “जब सरकार अध्यादेश लाना चाहती है तो लाती है… पर वह अब ऐसा क्यों नहीं कर सकते?” अध्यादेश के तहत छह महीने के भीतर कानून बदला जा सकता है.
15 फरवरी को 14 किसान नेताओं ने सरकार के मंत्रियों के साथ करीब पांच घंटे तक बैठक की, जिसके नतीजे सकारात्मक रहें. किसानों की सरकार से 13 प्रमुख मांगें हैं.
सभी फसलों की खरीद पर MSP गारंटी कानून बनाया जाए. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में किसानों को उनकी फसल की लागत से डेढ़ गुना कीमत देने की सिफारिश की गई है.
सभी फसलों का मूल्य डॉ. स्वामीनाथन आयोग के निर्देशों के अनुसार C 2+50% फॉर्मूले के तहत दिया जाए.
गन्ने की फसल के लिए और एसएपी डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार दी जानी चाहिए
हल्दी सहित सभी मसाला वस्तुओं की खरीद के लिए राष्ट्रीय आयोग बनाया जाना चाहिए.
किसानों और खेत मजदूरों की संपूर्ण कर्ज माफी.
पिछले दिल्ली आंदोलन की लंबित मांगें पूरी की जाएं
लखीमपुर खीरी नरसंहार मामले में न्याय किया जाए, दोषी अजय मिश्रा को कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए और गिरफ्तार किया जाए. आशीष मिश्रा की जमानत रद्द की जाए और समझौते के मुताबिक घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएं. बता दें कि 2021 में लखीमपुरी खीरी में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे चार किसानों को कथित तौर पर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गाड़ी ने कुचल दिया था. किसान सरकार से उस घटना में मारे गए लोगों के परिवार को नौकरी और दोषियों को सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं.
दिल्ली आंदोलन समेत देशभर में हुए सभी आंदोलनों के दौरान किसानों पर दर्ज सभी तरह के मुकदमे रद्द किए जाएं. आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों और मजदूरों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए. दिल्ली आंदोलन के शहीद स्मारक के लिए मुआवजा और सरकारी नौकरी, दिल्ली में जमीन दी जाए.
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं तो सरकार बार-बार किसानों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रही है. इस बीच मुजफ्फरनगर महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि देश में जमीन के दाम आसमान छूते हैं, लेकिन फसलों के दाम कम नहीं होते. उन्होंने कहा कि 26-27 फरवरी को हरिद्वार से गाजीपुर तक ट्रैक्टर लेकर खड़े होंगे. इसलिए सभी किसान अपने ट्रैक्टर मजबूत रखें.
किसान आंदोलन के चलते हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट सेवाओं और बल्क एसएमएस सेवाओ पर पाबंदी को बढ़ाकर 19 फरवरी तक कर दिया गया है. प्रभावित जिले अम्बाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा हैं. प्रशासन ने इससे पहले 13 और 15 फरवरी को मोबाइल इंटरनेट का निलंबन बढ़ाया था.
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