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कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन (Farmers Protests) कर रहे किसानों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 21 अक्टूबर को टिप्पणी करते हुए कहा कि- किसान अनिश्चितकाल के लिए सड़कों को ब्लॉक नहीं कर सकते. इसके बाद मीडिया में रिपोर्ट आई कि राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर रास्ता खोलने का ऐलान किया है. हालांकि इस खबर को अफवाह बताते हुए भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि रास्ता किसानों ने नहीं दिल्ली पुलिस ने बंद किया है.
भारतीय किसान यूनियन ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारतीय किसान यूनियन ने "किसानों भाइयों यह अफवाह फैलाई जा रही हैं कि गाजीपुर बॉर्डर खाली किया जा रहा है. यह पूर्णतया निराधार है ,हम यह दिखा रहे हैं कि रास्ता किसानों ने नहीं दिल्ली पुलिस ने बंद किया है."
भारतीय किसान यूनियन ने बताया कि उसने सिर्फ NH-9 पर स्थित फ्लाई ओवर के सर्विस मार्ग से दिल्ली जाने वाले रास्ते पर एक कैंप को हटाया है. यूनियन ने स्पष्ट किया कि किसान बॉर्डर से कहीं नहीं जा रहे हैं.
किसानों के कैंप को हटवाते हुए वीडियो में भी राकेश टिकैत ने कहा कि "हमें दिल्ली जाना है. हमने कहा रास्ता रोक रखा है. पुलिस ने रास्ता रोका है."
दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनरत किसानों को हटाने से संबंधित एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने टिप्पणी की कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है लेकिन वो अनिश्चितकाल के लिए सड़कों को ब्लॉक नहीं कर सकते.
जस्टिस एस.के कॉल की अध्यक्षता वाली इस दो जजों वाली बेंच ने किसान संगठनों को जवाब दाखिल करने के लिए 3 हफ्तों का समय दिया है. सुनवाई के दौरान जस्टिस एस.के कॉल ने कहा कि
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के इसी टिप्पणी के बाद एक वीडियो आया जिसमें राकेश टिकैत एक रोड खाली कराते दिख रहे हैं. कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर खाली करने का आदेश दिया है. इस खबर को अब किसान यूनियन ने निराधार बताया है.
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