Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019किसान संसद पर बोले कृषि मंत्री तोमर- संसद एक ही होती है जिसे जनता चुनकर भेजती है

किसान संसद पर बोले कृषि मंत्री तोमर- संसद एक ही होती है जिसे जनता चुनकर भेजती है

संसद के मानसून सत्र के दौरान किसान दिल्ली में चला रहे हैं अपनी संसद, प्रस्ताव भी हो रहे पास

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>किसान संसद पर बोले कृषि मंत्री</p></div>
i

किसान संसद पर बोले कृषि मंत्री

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 8 महीने से प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे हैं. लेकिन सरकार का रुख किसानों को लेकर लगातार सख्त होता जा रहा है. पहले केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किसानों को मवाली बता दिया तो अब खुद केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि जो किसान संगठन किसान संसद की बात कर रहे हैं वो निरर्थक है. उन्होंने कहा है कि संसद एक ही होती है, जिसे जनता चुनकर भेजती है. वही संसद है.

प्रस्ताव लेकर आएंगे तो बातचीत करेंगे- तोमर

संसद के मानसून सत्र के दौरान किसान संगठन भी दिल्ली के जंतर-मंतर पर रोजाना अपनी किसान संसद लगा रहे हैं. इसमें तमाम मुद्दों पर चर्चा और उसके बाद प्रस्ताव भी पास किए जा रहे हैं. जब इस किसान संसद को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि,

"जनता जिसे चुनकर भेजती है वही संसद होती है. बाकी जो यूनियन के लोग इस प्रकार की बातें कर रहे हैं और आंदोलन कर रहे हैं वो एक तौर से निरर्थक है. हमने कई बार यूनियन के लोगों से कहा है कि उनको आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए. अगर वो प्रस्ताव लेकर आएंगे तो हम बातचीत करेंगे."
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मीनाक्षी लेखी ने किसानों को कहा- 'मवाली'

बता दें कि इससे ठीक एक दिन पहले बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भी किसानों को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जंतर-मंतर पर बैठे किसानों को मवाली कहा. लेखी ने कहा था कि, असली किसान खेतों में काम कर रहे हैं, उनके पास जंतर-मंतर पर बैठने का समय नहीं है. इसके बाद उनके इस बयान की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हुई थी. आलोचना के बाद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया और अगर किसी को इससे ठेस पहुंची है तो वो अपना बयान वापस लेती हैं.

किसानों को लेकर बीजेपी नेताओं ने लगातार दिए विवादित बयान

किसान लगातार पिछले साल नवंबर के महीने से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. लेकिन सरकार का कहना है कि वो कानून रद्द नहीं करेंगे, संशोधन के लिए सरकार तैयार है. इस आंदोलन की शुरुआत से ही तमाम बीजेपी नेता किसानों को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं. किसानों को आतंकवादी से लेकर खालिस्तानी तक कहा गया. साथ ही संसद में सरकार से जब पूछा गया कि किसान आंदोलन शुरू होने से लेकर अब तक कितने किसानों की मौत हो चुकी है तो, इसके जवाब में सरकार ने कहा कि उनके पास इसका कोई भी रिकॉर्ड नहीं है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT