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Farmer Protest: किसान नेताओं और केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों (अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय) के बीच रविवार, 18 फरवरी को चौथे दौर की वार्ता हुई. देर रात तक चली इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच कई बातों पर सहमति बनी. बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Maan) भी शामिल हुए. यह बैठक चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में हुई. चलिए जानते हैं कि इस बैठक में सरकार और किसानों के बीच क्या वार्ता हुई?
भगवंत मान ने बताया कि वह किसानों के समर्थन में बैठक में शामिल थें. वहीं पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने बताया कि पैनल ने किसानों के साथ वार्ता के दौरान पांच साल के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दाल, मक्का और कपास की फसलों की खरीद का प्रस्ताव रखा है.
चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, " हमने भारतीय किसान मजदूर संघ और अन्य किसान नेताओं के साथ सकारात्मक चर्चा की. हमने पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए कार्यों को कैसे आगे बढ़ाया जाए, इस पर विस्तृत चर्चा की.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन (एनसीसीएफ) और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया जैसी कोऑपरेटिव सोसाइटियां उन किसानों के साथ समझौता करेंगी, जो तूर, उड़द, मसूर दाल या मक्का उगाएंगे और फिर उनसे अगले पांच साल तक एमएसपी पर फसलें खरीदी जाएंगी."
पीयूष गोयल ने बताया, फसलों के खरीद पर कोई सीमा तय नहीं की गई है और साथ ही इस प्रोसेस को सुलभ बनाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया जाएगा.
बैठक में शामिल सीएम भगवंत मान ने कहा, सरकार और किसानों कि वार्ता पांच घंटे तक चली. जिसमें मैंने किसानों के फायदे की बात की. हमने दालों की खरीद पर एमएसपी की गारंटी मांगी थी, जिस पर आज चर्चा हुई. मान ने शांति का आग्रह करते हुए कहा कि किसान कल जो भी फैसला सुनाएं, उसपर विचार किया जाना चाहिए.
केंद्र के प्रस्ताव पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा ''हम 19-20 फरवरी को अपने मंचों पर चर्चा करेंगे और इस बारे में विशेषज्ञों की राय लेंगे. चर्चा के बाद ही हम कोई भी निर्णय लेंगे.
पंधेर ने कहा...
केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं की इससे पहले 8, 12 और 15 फरवरी को बातचीत हुई थी, जो बेनतीजा रही.
पंजाब किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को पुलिस द्वारा 13 फरवरी को दिल्ली बॉर्डर पर रोक दिया गया. आंदोलनकारी किसानों रोके गए स्थानों पर ही अपना डेरा डाल लिया.
मार्च का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने अपनी मांगों पर जोर देने के लिए किया था.
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