Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019किसान आंदोलनः संसद में हंगामे के आसार, विपक्ष ने दिया नोटिस

किसान आंदोलनः संसद में हंगामे के आसार, विपक्ष ने दिया नोटिस

बजट सत्र पर 16 पार्टियां ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
भारतीय संसद  
i
भारतीय संसद  
फोटो: PTI

advertisement

दो महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, हजारों किसान दिल्ली की अलग-अलग सरहदों पर कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं, अब इस मामले पर आज संसद में हंगामे के आसार हैं. कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां किसानों के आंदोलन को समर्थन दे रही हैं, और सरकार से इसे रद्द करने की मांग कर रही है.

दरअसल, संसद में बजट सत्र शुरू है और आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होगी. इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष के तीन सासंदों ने कृषि कानूनों के खिलाफ में चर्चा के लिए नोटिस दिया है.

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, विपक्ष के उप नेता और सीनियर कांग्रेस लीडर आनंद शर्मा ने कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है.

वहीं लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने संसद में नियम और प्रक्रिया और व्यवसाय के संचालन के नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है. इन पार्टियों के अलावा, टीएमसी, डीएमके, बीएसपी और सीपीआई (एम) की तरफ से भी किसानों के मुद्दे पर नोटिस दिया गया है.

अब ये माना जा रहा है कि बजट सत्र किसान आंदोलन के मुद्दे पर हंगामे दार रहने वाला है, क्योंकि विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का मौका नहीं छोड़ना चाहती हैं.

बजट सत्र पर 16 पार्टियां ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था

संसद के बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों सदनों को संबोधित किया था, लेकिन उससे पहले 16 पार्टियों ने बयान जारी ऐलान किया कि वो राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगीं.

बता दें कि बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक हुई थी, जिसमें में कांग्रेस और बाकी विपक्षी पार्टियों ने पीएम मोदी की मौजूदगी में किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठाया था. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा था- “उनके और किसानों के बीच एक कॉल की दूरी है. किसानों और सरकार के बीच मसला बातचीत से ही हल होगा.”

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 02 Feb 2021,08:45 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT