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राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे होने वाले हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की अब भी वही मांग है कि एमएसपी पर कानून बनाया जाए और तीनों कानून रद्द हों. लेकिन सरकार ऐसा कुछ भी करने के मूड में नहीं दिख रही है. 20 जनवरी के बाद से अब तक बातचीत पर पूरी तरह ब्रेक लगा है. तमाम मंत्री और खुद प्रधानमंत्री बातचीत का जिक्र कर चुके हैं, लेकिन बातचीत का प्रस्ताव अब तक नहीं दिया गया. इस बीच आंदोलन अब कितनी मजबूती के साथ खड़ा है और उससे जुड़े तमाम सवालों को लेकर हमने किसान नेता राकेश टिकैत से बातचीत की.
26 जनवरी की घटना के बाद भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत आंदोलन का सबसे बड़ा चेहरा बन चुके हैं. आंदोलन को लेकर उठ रहे तमाम सवालों को लेकर हमने राकेश टिकैत से बात की. इस बातचीत में टिकैत ने बताया कि सरकार की ये चुप्पी कुछ इशारा कर रही है, सरकार आंदोलन को लेकर कुछ न कुछ प्लान बना रही है. उन्होंने कहा,
अब तमाम मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया पर दिल्ली के बॉर्डर की तस्वीरें खूब दिखाई जा रही हैं, जिनमें बताया जा रहा है कि किसान आंदोलन अब खात्मे की तरफ है, क्योंकि भीड़ लगभग खत्म हो चुकी है और किसान लौट रहे हैं. इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा,
हमने टिकैत से किसान आंदोलन में छाई शांति और आगे की रणनीति को लेकर भी सवाल पूछा. जिसमें उन्होंने हमें बताया कि, हम आंदोलन लगातार चलाते रहेंगे. पूरे देशभर में मीटिंग चलेंगीं. आगे की रणनीति बैठकों में ही तैयार होगी.
अब करीब 100 दिन से चल रहे प्रदर्शन में हजारों किसानों के खाने-पीने और बाकी चीजों की व्यवस्था को लेकर भी अब मुश्किलें बढ़ रही हैं. आर्थिक तंगी के सवाल पर टिकैत ने कहा कि,
टिकैत ने कहा कि सरकार सबसे पहले एमएसपी पर कानून बनाए. इसके बाद कानूनों को खत्म करने को लेकर कमेटी से सरकार बात करे. इस कमेटी में किसानों पर दर्ज मुकदमे और बाकी तमाम चीजों पर बात हो. जब कमेटी सभी मामलों का निपटारा कर देगी तो आंदोलन खत्म हो जाएगा.
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