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मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने ऐलान किया है कि वो 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम करेंगे. इसके लिए देशभर के किसानों से आह्वाहन किया गया है कि वो अपने-अपने राज्यों में चक्का जाम करें और सड़कों पर धरना-प्रदर्शन करें. हालांकि अब किसान संगठनों ने कहा है कि वो दिल्ली को छोड़कर बाकी देश में ही चक्का जाम करेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने चक्का-जाम की तैयारियों को लेकर प्रेस नोट जारी किया है और किसानों को क्या-क्या करना इसको लेकर जानकारी दी है-
राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि किसान संगठन दिल्ली में चक्का जाम नहीं करेंगे.
NDTV से बातचीत में किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि हम कल दिल्ली में चक्का जाम नहीं कर रहे हैं.
किसानों के देशभर में चक्का जाम के ऐलान के बाद हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर तैयारियां शुरू कर दी हैं. पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो सुरक्षा स्थितियों पर पैनी नजरें बनाए रखें.
इस बीच दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ चक्का जाम को लेकर बैठक की है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, पुलिस दिल्ली में 'अराजक तत्वों' को रोकने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है और सोशल मीडिया पोस्ट की मॉनिटरिंग भी की जाएगी.
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बताया गया है कि दिल्ली की सीमाओं पर बिजली-पानी और इंटरनेट जैसी सुविधाएं बंद कर दी गईं. सरकार ने प्रदर्शन को प्रभावित करने के लिए ये सब किया. साथ ही पुलिस की कार्रवाई को लेकर भी सवाल उठाए गए. इन तमाम चीजों के विरोध में 6 फरवरी को चक्का जाम बुलाया गया है.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शनकारी दो महीने से ज्यादा वक्त से अपनी मांगों को लेकर बैठे हुए हैं. 26 जनवरी के ट्रैक्टर मार्च में हिंसक घटानाएं होने के बाद किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ता दिख रहा था, लेकिन राकेश टिकैत के आंसुओं के बाद आंदोलन फिर से मजबूत हुआ है और किसान फिर से एकजुट होते जा रहे हैं. किसानों का प्रदर्शन और तेज होता जा रहा है. सरकार से कई राउंड की चर्चा के बाद भी कोई सहमति नहीं बनी है और अब किसानों-सरकार के बीच डेडलॉक की स्थिति है.
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