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पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और गृहमंत्री अमित शाह की बैठक थोड़ी ही देर में शुरू होने वाली है.
इस मीटिंग में किसानों के प्रदर्शन को लेकर बातचीत होगी और समाधान निकालने पर चर्चा हो सकती है. बता दें कि 3 दिसंबर को सरकार औऱ किसानों के बीच बातचीत भी होनी तय है. 1 दिसंबर की बातचीत में बात नहीं बन सकी थी.
इससे पहले क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने सिंघु बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हम तीन दिसंबर को जश्न मनाएंगे, जब कई दशक पहले भोपाल गैस त्रासदी को कॉर्पोरेट विरोधी दिवस के रूप में मनाया गया था, पांच दिसंबर को हम मोदी सरकार और कॉर्पोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे और उनके पुतले जलाएंगे,"
यह एक देशव्यापी विरोध होगा, जहां किसान पुतले जलाएंगे, उन्होंने कहा कि कलाकारों और खिलाड़ियों ने सरकार से उन्हें मिलने वाले पुरस्कारों को वापस करने का आह्वान किया है,
पाल ने कहा, "हम उन लोगों को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने सरकार को अपने पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है और हमें उम्मीद है कि जिन लोगों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं, वे उन्हें किसान आंदोलन के साथ एकजुटता के साथ लौटाएंगे," उन्होंने कहा कि किसान नेता लिखित रूप से सात से 10 पेज की सिफारिश देंगे, ताकि वे बता सकें कि वे कृषि कानूनों को निरस्त क्यों कराना चाहते हैं’’’
उन्होंने बताया कि मंगलवार को सरकार के साथ बैठक के दौरान, उन्हें यह प्रतीत हुआ कि सरकार ने उन्हें विभाजित करने की कोशिश की और तीनों कृषि कानूनों पर उन्हें गुमराह करने की कोशिश की, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक दिन पहले ही किसानों के समूहों की सरकार के साथ वार्ता हुई थी, मगर उसमें कोई समाधान नहीं निकल पाया था,
लोक संघर्ष मोर्चा से प्रतिभा शिंदे ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि वे तीन दिसंबर को महाराष्ट्र के हर जिले में पुतले जलाएंगे, उन्होंने कहा, "हम महाराष्ट्र में तीन दिसंबर को और गुजरात में पांच दिसंबर को सरकार और कॉर्पोरेट्स के पुतले जलाएंगे,"
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि गुरुवार को सरकार के पास इन कानूनों को निरस्त करने को लेकर निर्णय लेने का अंतिम मौका है, अन्यथा यह आंदोलन बहुत बड़ा हो जाएगा और सरकार गिर जाएगी,
एक ओर जहां किसानों ने सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने की चेतावनी दी है, वहीं दूसरी ओर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया को बताया कि वे गुरुवार को किसान नेताओं के साथ चर्चा करेंगे, तोमर ने कहा, "हमने कल (गुरुवार) किसानों के साथ एक बैठक बुलाई है और देखते हैं कि मुद्दों को किस हद तक हल किया जा सकता है,"
उन्होंने किसानों से कहा कि कानून किसानों के हित में हैं और सुधार लंबे इंतजार के बाद हुए हैं,तोमर ने कहा, "लेकिन अगर उन्हें इससे कोई आपत्ति है तो हम उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए तैयार हैं,"
सरकार के साथ किसानों के प्रतिनिधिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक अनिर्णायक रही और किसान गुरुवार सुबह फिर से सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे,
इससे पहले दिन में तोमर और केंद्रीय रेलवे, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को किसानों की मांग से अवगत कराया गया.
(इनपुट: IANS से भी)
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