Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019किसान आंदोलन को लेकर अमित मालवीय के ट्वीट में पूरी सच्चाई नहीं

किसान आंदोलन को लेकर अमित मालवीय के ट्वीट में पूरी सच्चाई नहीं

किसान आंदोलन की विश्वसनीयता कम करने के लिए कई यूजर्स ने इस तरह के ट्वीट किए.

क्विंट हिंदी
वेबकूफ
Published:
(फोटो: Altered by Quint)
i
null
(फोटो: Altered by Quint)

advertisement

28 नवंबर को, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने PTI फोटोग्राफर द्वारा खींची गई एक फोटो शेयर की, जिसमें देखा जा सकता है कि सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बीच एक पुलिस अफसर डंडे से किसान को मारने जा रहा है.

बीजेपी आईटी सेल चीफ अमित मालवीय ने ट्वीट को कोट करते हुए एक वीडियो शेयर किया और लिखा, ‘प्रोपगैंडा vs रियलिटी’. उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने किसान को छुआ तक नहीं.

हमने पाया कि मालवीय ने जो वीडियो शेयर किया है, वो लंबे वीडियो का बस एक छोटा सा हिस्सा है. लंबे वीडियो में पुलिस का डंडा किसान के पैर पर लगभग छूता हुआ देखा जा सकता है.

दावा

मालवीय ने ट्वीट में लिखा: “राहुल गांधी सबसे ज्यादा बदनाम विपक्षी नेता होंगे, जो भारत ने लंबे समय में देखा है.”

इस स्टोरी को लिखे जाने तक, मालवीय के वीडियो पर तीन लाख से ज्यादा व्यूज आ चुके थे.

पॉलिटिकल कीड़ा नाम के ट्विटर यूजर और कई फेसबुक यूजर्स ने भी वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया. उन्होंने लिखा: “पुलिस ने किसान को छुआ तक नहीं, बस हवा में घुमाया लेकिन एक फोटो पुलिस को विलेन बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही है. अपने प्रोपगैंडा के लिए, कांग्रेस इस तरह से किसी को भी विलेन बना सकती है.”

हमें जांच में क्या मिला?

हमें वीडियो का एक लंबा वर्जन मिला, जिसमें पुलिस अधिकारी एक बाद एक लाइन में खड़े हैं और किसानों को मारने के उद्देश्य से डंडे चलाते देखे जा सकते हैं.

मालवीय के ट्वीट में केवल दूसरा पुलिस अधिकारी दिखाई देता है. इसमें पहला पुलिस अधिकारी दिखाई नहीं देता, जो किसानों को मारने की कोशिश करता है.

फैक्ट चेकिंग वेबसाइट BOOM ने किसान, सुखदेव सिंह से संपर्क किया, जिन्होंने कहा कि उन्हें डंडे से चोट आई थी. घटना के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ रही थी और लाठियां चला रही थी.

पोर्टल को अपनी चोट दिखाते हुए उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें लाठियों को चलाते देखा और अपने हाथ से उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन इसने मेरी कलाई के नीचे चोट लग गई." उन्होंने आगे बताया कि लाठी से उनके पैर पर भी चोट आई, लेकिन ये गंभीर नहीं थी और अंदर पहने हुए कपड़ों ने उन्हें बचा लिया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

PTI फोटोग्राफर रवि चौधरी ने किसान के पैर को छूने वाले पहले पुलिस अफसर की लाठी को दिखाने वाले विजुअल्स को कैप्चर किया था.

क्विंट से बात करते हुए, चौधरी ने कहा, "जब किसानों ने बैरिकेड्स पार करने की कोशिश की, तो पुलिस लाठीचार्ज करने लगी और तभी वृद्ध किसान को लाठी लगी."

हमने PTI की आर्काइव तस्वीरों और उनके साथ लिखे कैप्शन को भी देखा.

पहले पुलिस अफसर की तस्वीर के साथ लिखा है: “नई दिल्ली में शुक्रवार, 27 नवंबर को नए कृषि कानूनों के खिलाफ 'दिल्ली चलो' मार्च के दौरान सिंघु बॉर्डर पार करते प्रदर्शनकारियों के बीच एक सुरक्षाकर्मी एक किसान पर लाठी चलाते हुए.”

दूसरे पुलिस अफसर की तस्वीर के साथ लिखा है: “नई दिल्ली में शुक्रवार, 27 नवंबर को नए कृषि कानूनों के खिलाफ 'दिल्ली चलो' मार्च के दौरान सिंघु बॉर्डर पार करते प्रदर्शनकारियों के बीच एक सुरक्षाकर्मी एक किसान पर लाठी चलाने की कोशिश करते हुए.”

(फोटो: Altered by Quint)

पुलिस और किसानों के बीच टकराव

26 नवंबर को, जब पुलिस किसानों को दिल्ली जाने से रोक रही थी, तब अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर गुस्साए किसानों ने पुलिस बैरिकेड्स को नदी में फेंक दिया, पथराव किया, वाहनों को धक्का दिया और विरोध जारी रखा.

पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, लेकिन बाद में किसान सीमा पार करने में कामयाब रहे.

सिंघु बॉर्डर पर आंसू गैस का इस्तेमाल

27 नवंबर को, NDTV द्वारा अपलोड किए गए एक बुलेटिन में सिंघु बॉर्डर पर किसानों के ऊपर आंसू गैस का इस्तेमाल होने की खबर को देखा जा सकता है.

BBC हिंदी ने भी बॉर्डर पर किसानों पर आंसू गैस का इस्तेमाल करने के विजुअल्स शेयर किए.

इससे साफ होता है कि मालवीय ने एक लंबे वीडियो से क्रॉप किया हुआ वीडियो पोस्ट किया और किसान आंदोलन की विश्वसनीयता कम करने के लिए गलत दावा किया.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT