Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019किसान आंदोलन खत्म होगा? आगे की रणनीति पर संयुक्त किसान मोर्चा की आज अहम बैठक

किसान आंदोलन खत्म होगा? आगे की रणनीति पर संयुक्त किसान मोर्चा की आज अहम बैठक

19 नंवबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>4 दिसंबर से किसान संघों की मीटिंग, MSP और आंदोलन संबंधित फैसलों पर होगी चर्चा</p></div>
i

4 दिसंबर से किसान संघों की मीटिंग, MSP और आंदोलन संबंधित फैसलों पर होगी चर्चा

(फोटो-  द क्विंट)

advertisement

आखिरकार एक साल बाद संसद में तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को रद्द कर दिया गया, लेकिन किसान आंदोलन अब भी लगातार जारी है. किसान अपनी कुछ और मांगो के साथ दिल्ली की अलग-अलग सरहदों पर विरोध कर रहे हैं. इसी बीच किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने आज 4 दिसंबर एक अहम बैठक बुलाई है. ये बैठक सिंघू बॉर्डर पर होगी, जिसमें आंदोलन के भविष्य और रणनीति के बारे में फैसला लिया जाएगा.

इस बैठक में आंदोलन जारी रखने से लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर समिति गठन को लेकर केंद्र को पांच नाम भेजे जाएं या नहीं-इस पर कोई भी फैसला हो सकता है, हालांकि किसान संगठन को सरकार से कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है.

इस बैठक में किसानों की लंबित मांगों पर भी विचार किया जाएगा. किसान संगठनों की मांग है कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बने, आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ जो केस हुए हैं उन्हें सरकार वापस ले, साथ ही आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों को मुआवजा मिले.

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बैठक को लेकर कहा,

4 दिसंबर की SKM की बैठक में सभी किसान संगठन एक राय होकर महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे. सरकार टेबल पर आयेगी तो हम किसानों की शाहदत से जुड़े पूरे तथ्य भी सामने रखेंगे.

क्यों किसान आंदोलन अब भी जारी है?

संयक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को 21 नवंबर को एक खुला पत्र लिखकर अपनी 6 मांगें रखी हैं, हालांकि सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. ऐसे में एसकेएम का मानना है कि सरकार की तरफ से आधिकारिक जवाब का इंतजार कर रहे हैं, जिसके बाद ही आंदोलन को लेकर फैसला किया जाएगा.

पत्र में पहली मांग फसल के MSP पर खरीद की रखी गयी है, संयुक्त किसान मोर्चा ने दूसरी मांग "विधुत अधिनयम संशोधन विधेयक 2020/2021" वापस लेने की मांग की है. तीसरी मांग में वायु गुड़वत्ता प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत किसानों को सजा देने वाले प्रावधानों को पूरी से हटाने की मांग की गई है और चौथी मांग अलग-अलग प्रदेशों में किसानों के ऊपर दर्ज हुए मुकदमों खारिज करने की है. पांचवी मांग में लखीमपुर हिंसा का दोषी बताकर मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त कर उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई है और छठी और अंतिम मांग में किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिवारवालों को मुआवजा और सिंघु बॉर्डर पर एक स्मारक के लिए जमीन देने मांग की गई है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बता दें, किसान तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी को लेकर पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे हैं. इसी दौरान 19 नंवबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों (Three Farm Laws) को वापस लेने का ऐलान किया था और अब संसद से भी तीनों कानून रद्द हो चुके हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 04 Dec 2021,08:57 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT