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Farmers Protest 2024: एमएसपी (MSP) की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों के साथ किसानों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा. किसान नेताओं ने साफ कहा है कि वे केंद्र के प्रतिधिनिधि मंडल से बात करने के लिए के लिए तैयार हैं. बातचीत के लिए किसान यूनियन के चौदह नेता और 3 केंद्रीय मंत्री- पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय चंडीगढ़ पहुंचे हैं. पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने केंद्र और किसान नेताओं के बीच बातचीत के बाद समाधान की उम्मीद जताई.
वहीं इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (Ekta Ugrahan) और बीकेयू डकौंडा (Dhaner) के किसानों ने दोपहर 12 बजे पंजाब के मनसा, बरनाला और राजपुरा के रेलवे स्टेशनों समेत कई स्थानों पर 'रेल रोको' आंदोलन किया. इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन की बैठक में 3 बड़े फैसले भी लिए गए हैं.
किसान संगठनों ने अपनी मांगों के साथ 'दिल्ली चलो' मार्च (Delhi Chalo March) का ऐलान किया है, जो 13 फरवरी से शुरू हुआ.
आईए दस प्वाइंट में जानते हैं कि गुरुवार, 15 फरवरी को किसान आंदोलन के संबंध में क्या- क्या हुआ.
केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान यूनियन के नेताओं की तीसरे दौर की वार्ता चंडीगढ़ में हो रही है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी किसान यूनियन के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक में भाग लेने पहुंचे हैं.
इससे पहले पंजाब में किसानों ने चार घंटे "रेल रोको" आंदोलन किया, जिस कारण कई ट्रेनों के मार्ग बदले गए.
किसान यूनियनों के 16 फरवरी को भारत बंद के ऐलान पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब के शुतराना, खनौरी और फतेहगढ़ साहिब में दूरसंचार सेवाओं को बैन करने का आदेश दिया है.
किसानों के खिलाफ केंद्र सरकार की कार्रवाई पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "रावण प्रशासन ने सभी लक्ष्मण रेखाएं पार कर दी हैं."
जम्मू-कश्मीर के नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, सीपीआई (एम), सीपीएम और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने किसानों आंदोलन को रोकने के केंद्र सरकार के तरीके की आलोचना की.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस की गोलाबारी कोई राजनीतिक विषय नहीं है. यह सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि कानून और व्यवस्था कैसे बनाए रखी जाए.
पंजाब के बाद अब पूरे हरियाणा में भी किसान टोल फ्री करने जा रहे हैं. कुरुक्षेत्र के चाढूनी गांव में भारतीय किसान यूनियन की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि 16 फरवरी को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक 3 घंटे के टोल लिए फ्री रहेंगे. इस दौरान सड़क जाम नहीं की जाएगी.
दूसरा फैसला लिया गया कि 17 फरवरी को तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च निकला जायेगा.
तीसरा फैसला लिया गया कि 18 फरवरी को सभी किसान ,मजदूर संगठनों की कुरुक्षेत्र में मीटिंग होगी.
गुरनाम सिंह ने प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनके कार्यक्रम में सरकार ने दखल दिया तो कोई बड़ा कदम उठा सकते है.
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