Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019SC के फैसले पर किसान: जब तक बिल वापसी नहीं तब तक घर वापसी भी नहीं

SC के फैसले पर किसान: जब तक बिल वापसी नहीं तब तक घर वापसी भी नहीं

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद योगेंद्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
किसान संगठन और सरकार की बातचीत
i
किसान संगठन और सरकार की बातचीत
(फोटो: PTI) 

advertisement

वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह

सुप्रीम कोर्ट ने तीन किसान कानूनों का विरोध करने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कानूनों को लागू करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का भी गठन किया है जिसका काम होगा कि वो किसानों और सरकार के बीच गतिरोध दूर करे. देश की सबसे बड़ी अदालत के इस फैसले पर किसानों और उनके संगठनों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उनके आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पडे़गा. किसान आने वाली 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली करने योजना पर काम जारी रखेंगे.

टिकैत बोले, बिल वापसी के बाद होगी घर वापसी

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि, जब तक बिल वापसी नहीं होती है तब तक घर वापसी भी नहीं होगी. यानी उन्होंने साफ किया है कि वो बाकी किसी भी शर्त पर आंदोलन खत्म करने वाले नहीं हैं.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद योगेंद्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा और वो सरकार से आगे बातचीत करते रहेंगे.

हमारी मांग ये नहीं है कि किसान कानूनों पर कुछ समय के लिए रोक लगाई जाए, बल्कि हमारी मांग ये है कि किसान कानूनों को रद्द किया जाए. जो कमेटी की बात है उस पर हमने साफ कर दिया है कि किसान संगठन किसी भी मध्यस्थता की कमेटी के पक्ष में नहीं हैं. अगर सुप्रीम कोर्ट अपनी मदद के लिए कमेटी बनाना चाहे तो कर सकती है. लेकिन हम ऐसी किसी कमेटी के हिस्सा नहीं है. हमारी सरकार से लगातार बातचीत चल रही है. सुप्रीम कोर्ट जब संवैधानिकता की जांच करना चाहे तो कर सकती है.
योगेंद्र यादव, किसान नेता

'संसद ये कानून लाई और वही इसे वापस ले'

न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए सिंघु बॉर्डर से एक किसान ने सुप्रीम कोर्ट कोर्ट के आदेश पर कहा है कि "SC की रोक का कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह सरकार का एक तरीका है कि हमारा आंदोलन बंद हो जाए. यह सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है यह सरकार का काम था, संसद का काम था और संसद इसे वापस ले. जब तक संसद में ये वापस नहीं होंगे हमारा संघर्ष जारी रहेगा".

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने कहा, “हम कानून को निलंबित करने के लिए तैयार हैं लेकिन अनिश्चित काल के लिए नहीं.”

“हम कानूनों की वैधता के बारे में चिंतित हैं और विरोध से प्रभावित नागरिकों की जीवन और संपत्ति की रक्षा के बारे में भी. हम अपने पास मौजूद शक्तियों के अनुसार समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं. हमारे पास शक्तियों में से एक है कि हम कानून को निलंबित करें और एक समिति बनाएं.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया

26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली पर नोटिस

इस बीच गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की तरफ से दिल्ली में ट्रैक्टर रैली करने की आशंका वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों को नोटिस जारी किया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 12 Jan 2021,02:29 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT