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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
वीडियो प्रोड्यूसर: मौसमी सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने तीन किसान कानूनों का विरोध करने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कानूनों को लागू करने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का भी गठन किया है जिसका काम होगा कि वो किसानों और सरकार के बीच गतिरोध दूर करे. देश की सबसे बड़ी अदालत के इस फैसले पर किसानों और उनके संगठनों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से उनके आंदोलन पर कोई फर्क नहीं पडे़गा. किसान आने वाली 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली करने योजना पर काम जारी रखेंगे.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि, जब तक बिल वापसी नहीं होती है तब तक घर वापसी भी नहीं होगी. यानी उन्होंने साफ किया है कि वो बाकी किसी भी शर्त पर आंदोलन खत्म करने वाले नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद योगेंद्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा और वो सरकार से आगे बातचीत करते रहेंगे.
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए सिंघु बॉर्डर से एक किसान ने सुप्रीम कोर्ट कोर्ट के आदेश पर कहा है कि "SC की रोक का कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह सरकार का एक तरीका है कि हमारा आंदोलन बंद हो जाए. यह सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है यह सरकार का काम था, संसद का काम था और संसद इसे वापस ले. जब तक संसद में ये वापस नहीं होंगे हमारा संघर्ष जारी रहेगा".
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने कहा, “हम कानून को निलंबित करने के लिए तैयार हैं लेकिन अनिश्चित काल के लिए नहीं.”
इस बीच गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की तरफ से दिल्ली में ट्रैक्टर रैली करने की आशंका वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों को नोटिस जारी किया है.
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