Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मेडिकल ग्राउंड पर जमानत की सुनवाई कल होनी थी, फादर स्टेन स्वामी आज हो गए 'आजाद'

मेडिकल ग्राउंड पर जमानत की सुनवाई कल होनी थी, फादर स्टेन स्वामी आज हो गए 'आजाद'

कोर्ट ने हर बार खारिज की स्टेन स्वामी की जमानत याचिका

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Father Stan Swamy| फादर स्टेन स्वामी की मौत हो गई</p></div>
i

Father Stan Swamy| फादर स्टेन स्वामी की मौत हो गई

(फोटो: वीडियो स्क्रीनशॉट)

advertisement

“मैं केवल एक चीज का अनुरोध करता हूं कि अंतरिम जमानत के लिए विचार किया जाए. मेरी हालत खराब हो गई है. मैं रांची जाना चाहता हूं. अगर हालात ऐसे ही चलते रहे तो जल्दी यहीं मौत हो जाएगी.”... ये शब्द भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी स्टेन स्वामी (Father Stan Swamy) के हैं, जिनकी जमानत के इंतजार में मौत हो गई. उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट से ये शब्द करीब एक महीने पहले कहे थे.

जमानत पर सुनवाई से ठीक पहले हुई मौत

स्टेन स्वामी लगातार कोर्ट से गुहार लगाते रहे कि उन्हें जमानत देकर रांची जाने की इजाजत दी जाए, लेकिन हर बार उनकी जमानत याचिका को नामंजूर कर दिया गया.

अब बीमार पड़ने के बाद कोर्ट में फिर जमानत याचिका पर सुनवाई थी, लेकिन जमानत पर सुनवाई से ठीक पहले स्टेन स्वामी हमेशा के लिए आजाद हो गए. कोर्ट में सुनवाई शुरू होती उससे पहले ही वकील ने बताया कि स्टेन स्वामी अब नहीं रहे.

स्वामी को लेकर सख्त रहा कोर्ट का रवैया

स्टेन स्वामी को लेकर एनआईए हमेशा सख्त रही. जब भी स्वामी के वकील जमानत याचिका दाखिल करते तो एनआईए इसका विरोध करती थी. जब पहले तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा था तो तब भी स्वामी को जल्द जेल शिफ्ट करने की बात कही गई थी. कहीं न कहीं कोर्ट भी स्टेन स्वामी को लेकर हमेशा सख्त रहा. उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए वकील ने कई बार कोर्ट से गुहार लगाई कि स्वामी को तमाम शर्तों के साथ जमानत दी जाए, लेकिन हर बार कोर्ट ने इस दलील को नकार दिया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पानी पीने के लिए सिपर तक नहीं मिला?

भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार 84 साल के एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वामी की हालत इतनी नाजुक थी कि वो खुद से पानी या चाय का गिलास नहीं पकड़ सकते थे. पर्किंसन की वजह से उनके हाथ लगातार हिलते थे. इसे लेकर उन्होंने एनआईए से सिपर या स्ट्रॉ मुहैया कराने की मांग की थी. जिससे वो आसानी से पानी या चाय पी सकें. लेकिन उन्हें सिपर नहीं दिया गया. जब स्वामी के वकील ने कोर्ट में ये बात उठाई तो एनआईए ने जवाब देने के लिए 20 दिन का वक्त मांगा. लेकिन इसके बाद जवाब में एनआईए की तरफ से कहा गया कि, हमारे पास स्वामी के लिए स्ट्रॉ और सिपर नहीं हैं.

NIA का कहना था कि स्टेन स्वामी अभी जुडिशियल कस्टडी में हैं तो ये उनके और जेल प्रशासन के बीच का मामला है. इसके बाद कोर्ट ने 26 नवंबर 2020 को जेल प्रशासन को स्ट्रॉ और सिपर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.

अस्पताल जाने से बेहतर जेल में मरना- स्वामी

बीमारी और जेल में रहने के चलते एक वक्त ऐसा आया जब स्टेन स्वामी को ये लगा कि अगर यही हालात रहे तो वो ज्यादा दिन नहीं जी पाएंगे. इसके लिए वो एक बार फिर कोर्ट गए, जहां उन्होंने इस बार कोर्ट से साफ कहा कि, अगर हालात ऐसे ही चलते रहे तो जल्दी यहीं (जेल में) मेरी मौत हो जाएगी. जून 2021 में स्टेन स्वामी ने बॉम्बे हाईकोर्ट से गुजारिश करते हुए कहा था कि उन्हें रांची में रहना है, इसीलिए जमानत को मंजूरी दी जाए.

जब बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्टेन स्वामी से कहा कि तबीयत बिगड़ने के चलते क्या वो जेल से अस्पताल में शिफ्ट होना चाहते हैं, तो इस पर स्वामी ने साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा था कि अस्पताल जाने की बजाय वो जेल में मरना बेहतर है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 05 Jul 2021,06:03 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT