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जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के राजौरी जिले के पुंछ (Poonch) में पिछले 10 दिनों से आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चल रहा है, जिसमें इंडियन आर्मी के 9 जवान शहीद भी हो गए हैं. सेना के जवान लगातार जंगलों में सर्च आपरेशन कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सारे आतंकी इनके हाथ नहीं आए है. सेना प्रमुख, एमएम नरवणे ने मंगलवार को वरिष्ठ फील्ड कमांडरों के साथ क्षेत्र का दौरा किया और इलाके का जायजा लिया.
पिछले दिनों 9 जवानों की शहादत की वजह से आर्मी इस अभियान में अब कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती है, इसलिए इस ऑपरेशन को बेहद सावधानी से लॉन्च किया गया है, जिससे और कोई नुकसान ना उठाना पड़े.
सितंबर और अक्टूबर के महीने में भारतीय सेना को आतंकियों के घुसपैठ की खबर मिली थी जिसके बाद 3 अलग-अलग मुठभेड़ों में राजौरी जिले में 4 आतंकवादी मारे गए थे. इन आतंकियों के कुछ साथी भागकर जंगलों में छिप गए थे. 10 अक्टूबर को सेना को आतंकियों के गतिविधि की खबर मिली और सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया.
10 अक्टूबर को सुरनकोट में डीकेजी के नजदीक जंगल में आतंकियों के छिपे होने की खबर मिलते ही सेना के जवान उनकी तलाशी में निकले थे, लेकिन घने जंगल और मौसम का फायदा उठाते हुए आतंकियों ने 11 अक्टूबर की सुबह जवानों पर ग्रेनेड से हमला कर दिया, जिसमें सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे.
11 अक्टूबर को 5 जवानों पर हमला करके आतंकवादी मेंडर के जंगलों में छिप गए, जिन्हें पकड़ने के लिए सेना का ऑपरेशन चला, लेकिन बदकिस्मती से आतंकियों ने जवानों पर अटैक कर दिया. इस अभियान के दौरान एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) सहित सेना के चार और जवान शहीद हो गए.
एक आतंकी संगठन JKGF खुलेआम सेना के जवानों पर हमले की जिम्मेदारी लेकर सेना को चैलेंज कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक FATF ब्लैकलिस्टिंग की लिस्ट में आने के डर से पाकिस्तान के कई आतंकवादी संगठनों ने नाम बदल लिए, लेकिन उनके आंतकी ऑपरेशन पहले की ही तरह ही जारी रहे. JKGF पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकवादी समूह JeM (जैश-ए-मोहम्मद) का एक नया चेहरा है. जैश के पुराने हैंडलर्स ग्रुप से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों को अंजाम दे रहे हैं.
जेकेजीएफ के जरिये पाकिस्तान पुंछ और राजौरी जिले में आतंकवादी हमले को अंजाम दे रहा है. ये आतंकी इसी ग्रुप के बताए जा रहे हैं.
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