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राजौरी के पुंछ (Poonch) इलाके में 11 अक्टूबर की सुबह भारतीय सेना के पांच जवानों की शहादत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. अपने साथियों पर हमला करने वाले आतंकियों की तलाश में निकले जवानों पर दो दिन बाद ही एक बार फिर हमला कर दिया गया और एक जेसीओ समेत 2 जवान शहीद हो गए.
एक तरफ पुंछ की गलियों से 7 जवानों के पार्थिव शरीर उनके घर भेजे जा रहे थे, तो दूसरी तरफ एक आतंकी संगठन JKGF खुलेआम इस हमले की जिम्मेदारी लेकर सेना को चैलेंज कर रहा है. यही नहीं ये संगठन एक नोटिस जारी कर खुलेआम सेना को चेतावनी दे रहा है.
सूत्रों के मुताबिक FATF ब्लैकलिस्टिंग की लिस्ट में आने के डर से पाकिस्तान के कई आतंकवादी संगठनों ने नाम बदल लिए, लेकिन उनके आंतकी ऑपरेशन पहले की ही तरह ही जारी रहे. JKGF पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकवादी समूह JeM (जैश-ए-मोहम्मद) का एक नया चेहरा है. जैश के पुराने हैंडलर्स ग्रुप से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों को अंजाम दे रहे हैं.
जेकेजीएफ के जरिये पाकिस्तान पुंछ और राजौरी जिले में आतंकवादी हमले को अंजाम दे रहा है. 2005 के बाद पुंछ और राजौरी जिले में आतंकवादी हमले तकरीबन बंद हो गए थे और इलाके में शांति का माहौल था, लेकिन दिसंबर 2020 से इलाके में अचानक से आतंकवादी हमला बढ़ गया है.
दिसंबर 2020 में पुंछ में जेकेजीएफ के 2 आतंकवादी मारे गए थे, सितंबर-अक्टूबर 2021 में 3 अलग-अलग मुठभेड़ों में राजौरी जिले में 4 आतंकवादी मारे गए. पुंछ के रहने वाले कुरैशी, जो करीब 70 सालों से इसी इलाके में हैं बताते हैं कि कैसे 1990 के दशक में यहां आतंक का गढ़ हुआ करता था.
कश्मीर के स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में जेकेजीएफ के कई कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए हैं. जेकेजीएफ के जरिए पाकिस्तान, पुंछ में आतंकवाद फैलाकर इस ग्रुप को नया चेहरा देना चाहता है. इस ग्रुप ने 11 अक्टूबर के हमले के बाद खुलेआम इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए उर्दू में एक डॉक्यूमेंट जारी किया है-
डॉक्यूमेंट में लिखा है-
ये आतंकी संगठन जवानों पर हमले की जिम्मेदारी लेते हुए खुलेआम कश्मीर से वापस जाने की चेतावनी भी दे रहा है. इस हमले और खुलेआम जिम्मेदारी लेने के इस वाकये ने एक बार फिर पाकिस्तान का दोहरा चेहरा उजागर किया है.
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