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रिजर्व बैंक और सरकार के बीच फंड को लेकर चल रही तनातनी पर अब अरुण जेटली ने अपना पक्ष रखा है. जेटली ने कहा है कि उन्हें आरबीआई के फंड से मई 2019 तक किसी भी तरह का कोई पैसा नहीं चाहिए. उन्होने कहा कि आरबीआई के पास फिलहाल 28 फीसदी रिजर्व है. सरकार यह सवाल कर रही है कि रिजर्व बैंक के पास कितना रिजर्व होना चाहिए.
अरुण जेटली ने आजतक के एक शो में बताया कि आरबीआई के रिजर्व का कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने कहा, 'इस पैसे से गरीबों के लिए काम और कारोबार में तेजी लाई जा सकती है. यही वजह थी कि केंद्र और आरबीआई ने एक समिति गठित की है. जिससे यह तय हो सके कि रिजर्व बैंक देश की इकनॉमी में कितना पैसा डाल सकता है.
वित्तमंत्री जेटली ने आरबीआई की स्वायत्तता पर भी जवाब दिया. पिछले दिनों लगातार सवाल उठ रहे थे कि केंद्र सरकार आरबीआई की स्वायत्तता के साथ खिलवाड़ कर रही है. इस पर जेटली ने कहा, 'आरबीआई की स्वायत्तता को कोई भी खतरा नहीं है. हम सरकार में हैं और हमें जवाब देना होता है. आरबीआई के पास जो भी पैसा है वो देश का है. इस विषय की गंभीरता को समझा नहीं गया.
हाल ही में आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा. आरोप लगाए जा रहे थे कि सरकार के दबाव में आकर उर्जित पटेल ने अपना इस्तीफा दिया है. इस पर अरुण जेटली बोले, 'सरकार ने कभी भी आरबीआई गवर्नर पटेल पर इस्तीफा देने का दबाव नहीं बनाया. उन्होंने कहा कि आरबीआई के रिजर्व को लेकर हुई बैठकों में किसी पर भी कोई दबाव नहीं बनाया गया.
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