Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019PM मोदी को क्लीन चिट में 1 चुनाव आयुक्त को था ऐतराज तो खोलें राज

PM मोदी को क्लीन चिट में 1 चुनाव आयुक्त को था ऐतराज तो खोलें राज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई चुनावी भाषणों पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा था.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
PM मोदी को क्लीन चिट में 1 चुनाव आयुक्त को था ऐतराज तो खोलें राज
i
PM मोदी को क्लीन चिट में 1 चुनाव आयुक्त को था ऐतराज तो खोलें राज
(फोटो: द क्विंट)

advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई चुनावी भाषणों पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा था. इनमें से कम से कम 3 मामलों में उन्हें क्लीनचिट मिल चुकी है. लेकिन महाराष्ट्र में दिए गए दो भाषणों पर क्लीनचिट के इस फैसले में एक चुनाव आयुक्त ने अपनी असहमति जताई थी. इस पर विवाद है और अब देश के दो पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों ने कहा है कि किसी चुनाव आयुक्त ने अगर कोई असहमति जताई है तो उसे फाइलों में रिकॉर्ड की जानी होती है. साथ ही शिकायतकर्ता को ये जानने का हक है कि चुनाव आयोग का आदेश सर्वसम्मति से लिया गया या नहीं.

चुनाव आयुक्त ने कहा क्या है?

एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा:

आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन पाया गया या नहीं, शिकायत करने वाले को इसकी जानकारी सचिव देता है. लेकिन उस जानकारी में ये साफ होना चाहिए कि फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है या बहुमत से.

उन्होंने कहा कि असहमति का नोट फैसले की कॉपी के साथ भेजे जाने की जरूरत नहीं है लेकिन शिकायतकर्ता को ये जानने का हक है कि किसने असहमति जताई है.

एक दूसरे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट की तरह चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी असहमति का नोट अपलोड किया जाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि असहमति आतंरिक चर्चा का हिस्सा है और वो लोकतांत्रिक प्रणाली का भाग है.

अशोक लवासा ने जताई थी आपत्ति: रिपोर्ट्स

पीएम के भाषणों के खिलाफ शिकायत की जांच के लिए गठित समिति में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, अशोक लवासा और सुशील चंद्रा शामिल थे. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयुक्त अशोक लवासा चाहते थे कि भाषण पर शिकायत को लेकर पीएम मोदी को 'फॉर्मल लेटर' भेजा जाए. लेकिन अशोक लवासा की राय शामिल नहीं की गई. बाकी के दोनों मुख्य चुनाव आयुक्त ने पीएम के भाषण में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया.

क्या था वर्धा भाषण का मामला?

महाराष्ट्र के वर्धा में पीएम मोदी ने 1 अप्रैल को कहा था, ''कांग्रेस ने हिंदुओं का अपमान किया और देश के लोगों ने पार्टी को चुनाव में दंडित करने का फैसला किया है. इस पार्टी के नेता अब उन लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने से डर रहे हैं, जहां बहुसंख्यक जनसंख्या का प्रभाव है. इसी वजह से वे ऐसे स्थानों पर शरण लेने के लिए बाध्य हैं, जहां बहुसंख्यक अल्पसंख्यक हैं.''

इस भाषण को लेकर कांग्रेस की शिकायत पर सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग ने पाया कि यह जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन नहीं करता है.

क्या था लातूर भाषण का मामला?

9 अप्रैल को महाराष्ट्र के लातूर में अपनी रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा था, ‘’मैं जरा कहना चाहता हूं, मेरे फर्स्ट टाइम वोटरों को. क्या आपका पहला वोट पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वाले वीर जवानों के नाम समर्पित हो सकता है? मैं मेरे फर्स्ट टाइम वोटर से कहना चाहता हूं कि पुलवामा में जो वीर शहीद हुए हैं, उन वीर शहीदों के नाम आपका वोट समर्पित हो सकता है क्या?’’

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT