advertisement
पुलिस के एक पूर्व अधिकारी के मुताबिक, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर इंडियन आर्मी के अफसर के एक थप्पड़ से ही टूट गया था. इसके बाद उसने अपनी करतूतों के बारे में उगलना शुरू कर दिया था. साल 1994 में मसूद अजहर की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ करने वाले अधिकारी ने यह बात बताई है.
मसूद अजहर तब पुर्तगाल के पासपोर्ट पर बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसा था और कश्मीर पहुंचा था. उसे फरवरी 1994 में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग से गिरफ्तार किया गया था.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मसूद ने एक थप्पड़ के बाद ही बोलना शुरू कर दिया और पाकिस्तान से सक्रिय आतंकी समूहों के कामकाज के बारे में विस्तार से बता दिया. अविनाम मोहनाने ने बताया,
अविनाम मोहनाने ने बताया, ''मसूद अजहर ने अफगानी आतंकवादियों के कश्मीर घाटी में भेजे जाने की जानकारी दी थी. साथ ही हरकत-उल-मुजाहिद्दीन (एचयूएम) और हरकत-उल-जेहाद-ए-इस्लामी (हूजी) के हरकत-उल-अंसार में विलय के बारे में भी बताया था. वह हरकत उल अंसार का सरगना था''
मोहनाने ने बताया कि बांग्लादेश से 1994 में भारत पहुंचने के बाद मसूद अजहर कश्मीर जाने से पहले सहारनपुर गया था, जहां उसने साझा नीति बनाने के लिए एचयूएम और हूजी के अलग-अलग धड़ों के साथ बैठक की थी.
इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी-814 के अगवा किए गए यात्रियों को छुड़ाने के बदले में मसूद अजहर को 1999 में रिहा किया गया था. रिहा होने के बाद उसने जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया था. इस संगठन का भारत में कई आतंकी हमलों के पीछे हाथ रहा है.
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी इसी आतंकी संगठन ने ली है. इससे पहले संसद पर हमला, पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला, जम्मू और उरी में सेना शिविरों पर हमले में भी जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)