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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक मूर्ति को मंगलवार को लुधियाना में कुछ लोगों ने नुकसान पहुंचाया. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस घटना के लिए अकाली दल के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है. सीएम ने पुलिस से मामले में कार्रवाई करने और अपराधियों की पहचान करने को कहा है.
पुलिस ने बताया कि सलेम ताबरी इलाके में कुछ उपद्रवकारियों ने मूर्ति पर पेंट छिड़क दिया. उपद्रवकारियों ने ये हरकत खुलेआम की और 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए राजीव गांधी को जिम्मेदार ठहराया.
राजीव गांधी की मूर्ति पर पेंट छिड़कने वाले अकाली दल के कार्यकर्ता ने मीडिया से कहा, "हमने इस मूर्ति को सही रूपरेखा दी है. मुंह काला किया, हाथ लाल किए. क्योंकि हाथ खून से रंगे हुए थे."
अकाली दल के कई कार्यकर्ताओं ने राजीव गांधी को सज्जन कुमार से भी बड़ा 1984 सिख विरोधी दंगों का गुनहगार बताया. इन उपद्रवियों की मांग है कि राजीव गांधी के नाम पर खेल रत्न अवॉर्ड देना बंद किया जाना चाहिए और भारत रत्न वापस ले लेना चाहिए.
घटना की निंदा करते हुए पंजाब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘लुधियाना में अकाली दल के कार्यकर्ताओं की ओर से राजीव गांधी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की जोरदार निंदा करता हूं. पुलिस से कहा है कि वो दोषी की पहचान करे और कठोर कार्रवाई करे.''
उन्होंने ट्विटर पर शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल के कार्यालय को टैग करते हुए लिखा है, "अकाली दल के अध्यक्ष को पंजाब की जनता से इस घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए.''
पुलिस ने बताया कि उपद्रवकारियों ने मांग की है कि समूचे देश से राजीव गांधी की मूर्ति हटाई जाएं और उन्हें दिया गया ‘भारत रत्न' सम्मान वापस लिया जाए.
मूर्ति को बाद में लुधियाना कांग्रेस के कुछ नेताओं ने साफ किया. कांग्रेस की लुधियाना इकाई के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह ने कहा कि उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
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