advertisement
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मतभेदों को लेकर सामने आए 4 जजों के बाद अब 4 और पूर्व जजों ने चीफ जस्टिस को खत लिखा है. उन्होने खत में लिखा है कि मनमाने ढंग से जूनियर जजों को बेंच की अध्यक्षता सौंपने से विधि शासन (रूल आफ लॉ) को खतरा पैदा होगा.
खत को लिखने वालों में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पी.बी. सावंत, दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ए. पी. शाह, मद्रास हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस के. चंद्रू और बांबे हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस एच. सुरेश शामिल हैं.
इन पूर्व जजों ने अपने पत्र में लिखा है,
उन्होंने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के चारों जजों के विचारों से सहमत हैं कि चीफ जस्टिस मास्टर ऑफ रोस्टर यानी ड्यूटी तय करने वाले होने के बावजूद 'मनमाने तरीके से मामलों का बंटवारा नहीं कर सकते हैं.'
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को चीफ जास्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा से उनके आवास पर मुलाकात की. बीसीआई अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा, ‘‘हमने सीजेआई से एक सौहार्दपूर्ण माहौल में मुलाकात की और उन्होंने कहा कि हर चीज का जल्द ही हल हो जाएगा.’’
(इनपुट IANS से)
यह भी पढ़ें: बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने CJI और 3 जजों से की मुलकात, ये रहा नतीजा
[ गणतंत्र दिवस से पहले आपके दिमाग में देश को लेकर कई बातें चल रही होंगी. आपके सामने है एक बढ़िया मौका. चुप मत बैठिए, मोबाइल उठाइए और भारत के नाम लिख डालिए एक लेटर. आप अपनी आवाज भी रिकॉर्ड कर सकते हैं. अपनी चिट्ठी lettertoindia@thequint.com पर भेजें. आपकी बात देश तक जरूर पहुंचेगी ]
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)