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G20 Summit Day One: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 9 सितंबर को घोषणा की कि एक आम सहमति बन गई है और 'नई दिल्ली G20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन' / G20 New Delhi Leaders' Declaration को सर्वसम्मति से अपनाया गया है. इस डिक्लरेशन की शुरुआत 'हम एक पृथ्वी, एक परिवार हैं और हमारा भविष्य एक है' से होती है.
'नई दिल्ली G20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन' में "यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और टिकाऊ शांति" की बात की गयी है और साथ ही युद्ध में शामिल देशों से जमीन हड़पने या किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ कार्य करने के लिए ताकत का इस्तेमाल न करने आग्रह किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "एक खुशखबरी मिली है कि हमारी टीम के कठिन परिश्रम और आप सबके सहयोग से जी 20 लीडर समिट के डिक्लेरेशन पर सहमति बनी है. मेरा प्रस्ताव है कि लीडर्स डिक्लेरेशन को भी अपनाया जाए. मैं भी इस डिक्लेरेशन को अपनाने की घोषणा करता हूं."
रूस-यूक्रेन युद्ध पर
यूक्रेन युद्ध के संबंध में हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनाए गए अपने स्टैंड और प्रस्तावों को दोहराया और इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुसार काम करना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार, सभी देशों को किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ क्षेत्रीय अधिग्रहण की धमकी या बल के उपयोग से बचना चाहिए. परमाणु हथियारों के उपयोग या उपयोग की धमकी अस्वीकार्य है.
आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)
AI की तेज प्रगति वैश्विक डिजिटल इकॉनमी की समृद्धि और विस्तार का वादा करती है. लोगों के अधिकारों और सुरक्षा की रक्षा करते हुए, जिम्मेदार, समावेशी और मानव-केंद्रित तरीके से चुनौतियों का समाधान करके जनता की भलाई के लिए AI का लाभ उठाना हमारा प्रयास है.
AI की पूरी क्षमता को उजागर करने, इसके लाभों को समान रूप से साझा करने और जोखिमों को कम करने के लिए, हम अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और AI के लिए अंतर्राष्ट्रीय गवर्नेंस पर आगे की चर्चा के लिए मिलकर काम करेंगे.
आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग
हम शांति के लिए सभी धर्मों की प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हुए, ज़ेनोफोबिया, नस्लवाद और असहिष्णुता के अन्य रूपों या धर्म या विश्वास के नाम पर आतंकवाद और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की निंदा करते हैं. यह अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.
हम छोटे हथियारों और हल्के हथियारों की अवैध तस्करी और डाइवर्जन के बारे में भी चिंता व्यक्त करते हैं. निर्यात, आयात नियंत्रण और ट्रेसिंग सहित इन घटनाओं से निपटने के लिए देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है.
हम एफएटीएफ मानकों के अनुरूप वर्चुअल संपत्तियों से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए प्रभावी नियामक और पर्यवेक्षी ढांचे को विकसित करने और लागू करने वाले देशों के महत्व को दोहराते हैं, खासकर आतंकवाद के फाइनेंसिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और प्रोलीफिकेशन फाइनेंस जोखिमों के लिए.
सतत विकास
हम विकास को गति देने और स्थायी आर्थिक परिवर्तनों को आगे बढ़ाने में निजी उद्यम (प्राइवेट इंटरप्राइज) की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हैं. इस उद्देश्य से, हम निजी क्षेत्र के साथ काम करने का संकल्प लेते हैं:
समावेशी, टिकाऊ और लचीली वैश्विक मूल्य श्रृंखलाएं/वैल्यू चेन बनाएं और विकासशील देशों को मूल्य श्रृंखला में आगे बढ़ने के लिए समर्थन दें
स्थायी व्यापार मॉडल की दिशा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सहित निवेश की सुविधा प्रदान करना
निवेश जुटाने के लिए एमडीबी की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर विकासशील देशों में निवेश योग्य परियोजनाओं की पाइपलाइन तैयार करना
व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना और लागत कम करना
हम मानते हैं कि स्टार्ट-अप और एमएसएमई विकास के प्राकृतिक इंजन हैं. वे नवाचार/इनोवेशन को बढ़ावा देकर और रोजगार पैदा करके सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की कुंजी हैं. हम भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान स्टार्ट-अप 20 एंगेजमेंट ग्रुप की स्थापना और इसके जारी रहने का स्वागत करते हैं.
अधिक समावेशी विश्व का निर्माण
हम G20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का स्वागत करते हैं और दृढ़ता से मानते हैं कि G20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने से हमारे समय की वैश्विक चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा. हम सभी भारत की जी20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ का स्थायी सदस्य के रूप में शामिल होने में G20 सदस्यों के प्रयासों की सराहना करते हैं जिन्होंने इसके लिए मार्ग प्रशस्त किया है."
हम राष्ट्रीय नीतियों, कानूनों और परिस्थितियों के अनुरूप, अधिक समावेशी दुनिया की दिशा में हमारे प्रयासों में प्रवासी श्रमिकों और शरणार्थियों का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं. ताकि उनकी प्रवासन स्थिति की परवाह किए बिना मानवाधिकारों और उनकी मौलिक स्वतंत्रता के लिए पूर्ण सम्मान सुनिश्चित किया जा सके.
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